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बोरिंग में से पानी की जगह निकल रही आग की लपटें, दहशत में ग्रामीण अनुसंधान में अधिकारी।

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मध्यप्रदेश के राजगढ़ ब्यावरा में सुठालिया थाना क्षेत्र के खनोटा में एक ट्यूबवेल की सफाई के बाद बोर को ढंकने के लिए कराई जा रही वेल्डिंग के दौरान इस तरह असामान्य तौर पर आग की लपटें निकल रही है शुरुआत में 5-6 फीट तक उठ रही आग की ये लपटें धीरे-धीरे बढ़ने लगीं, जो 20-30 फीट तक पहुंच गई ग्रामीणों द्वारा पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई तो मौके पर टीम पहुंच गई। सुठालिया थाना प्रभारी रामकुमार रघुवंशी ने  बताया कि खनोटा गांव के पप्पू सौंधिया ने करीब 2 साल पहले खेत में बोरिंग कराया था। तब उसने बोर में केसिंग नहीं डलवाई थी इसके लिए वह बुधवार को बोर की सफाई करा केसिंग डलवाने के बाद उपर वेल्डिंग से लोहे का ढक्कन कसवा रहा था। तभी अचानक ये आसामान्य घटना घटित हुई सूचना मिलने के बाद पुलिस फायर ब्रिगेड की टीम पहुंच गई रात करीब 10 बजे आग पर काबू पाया जा सका।  देखिए विडियो यहां 👇क्लिक कर   ज्ञात हो कि इसी तरह रामपुर शक्तेशगढ़ गांव में किसान रामेश्वर पाल के खेत का बोरिंग भी आग उगलने लगा था उसने भी अपने खेत में करीब डेढ़ साल पहले डीप बोरिंग करवाई थी. लेकिन बोरिंग सही तरीके से काम ...

भर्ती मरीज की मृत्यु होने पर शव को घर तक पहुंचाने की व्यवस्था जिला चिकित्सालय करेगा - कलेक्टर

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भर्ती मरीज की मृत्यु होने पर शव को घर तक पहुंचाने की व्यवस्था जिला चिकित्सालय करेगा। जिला चिकित्सालय रोगी कल्याण समिति कार्यकारिणी की बैठक में कलेक्टर की सम्मान योग्य अनूठी, अनोखी पहल....  जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीज की उपचार के दौरान मृत्यु होने पर शासकीय शव वाहिका से मृतक के शरीर को उसके निवास तक पहुंचाने की व्यवस्था जिला चिकित्सालय द्वारा निःशुल्क की जायेगी। इसके लिए मृतक के परिजनो से किसी भी प्रकार की राशि नहीं ली जायेगी। राशि लेने की शिकायत मिलने पर संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। उक्त आशय का निर्णय कलेक्टर श्री संजय कुमार की अध्यक्षता में गुरूवार को न्यू कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में जिला चिकित्सालय दतिया की रोगी कल्याण समिति कार्यकारिणी की आयोजित बैठक में लिया गया। बैठक में जिला चिकित्सालय दतिया के सिविल सर्जन सहित मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ. केसी राठौर, अशासकीय सदस्य के रूप में बलदेव राज बल्लू, अजय जैन, भगवान दास साहू सहित संबंधित विभागों के अधिकारीगण आदि उपस्थित थे। कलेक्टर श्री कुमार ने बैठक के शुरू में गत बैठक में लिए गए निर्णयों के पालन प्रतिवेदन की भी समीक्षा की। ...

रिश्वत का नंगा सच, मंच पर केन्द्रीय मंत्री के सामने हुआ उजागर मजदूर महिला ने बताई हकीकत।

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  मेहनत कश मजदूरों से सरकारी कर्मचारियों द्वारा किस तरह रिश्वत ले उनका शोषण किया जाता है इसका जिन्दा सबूत विडियो में ई-श्रम कार्ड वितरण समारोह में रिकार्ड हो गया   केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर ई-श्रम  E srham card कार्ड बांट रहे थे, बता दे कि ये ईश्रम कार्ड भारत सरकार की योजनानुसार मजदूरों को उनकी सेवा सुरक्षा के लिए सीएससी सेंटर पर फ्री में बना कर दिए जाते है और भारत सरकार द्वारा सीएससी सेंटर संचालक को प्रति कार्ड 16 रूपये का भुगतान किया जाता है परन्तु जब मंच पर मंत्री जी ने महिला मजदूर किरण देवी से उनका ई श्रम कार्ड देते पूछा कि यह कार्ड आपको फ्री में मिला है ना तो उन्होंने हकीकत बयान करते बता दिया कि नहीं साहब इसके लिए पईसा दिया है.... केंद्रीय मंत्री ने फिर पूछा- आपका ई श्रम कार्ड फ्री में बना है न?.... मंच पर ही महिला बोली- नहीं साहब, ये तो पैसे से बनवाये हैं...... एक साधारण सी मजदूर महिला किरण देवी ने मंच पर ही सरकारी सिस्टम की पोल खोल दी वो भी केन्द्रीय मंत्री के सामने देखते हैं क्या एक्शन लिया जावेगा.. क्या रूकेगा  रिश्वत का यह नंगा नाच...

बिक कर लिखते हैं पत्रकार - पहले बिक कर छप रहे अखबार अब बिक कर लिखते पत्रकार ।

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  जो कभी छप कर बिकते थे वे अब बिक कर छप रहे हैं अखबार .... चंद वर्ष पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर की पहचान वाले, राज्य स्तर पर प्रकाशित अखबार को, राष्ट्रीय स्तर के प्रकाशन समूह द्वारा खरीद, उसका प्रकाशन जारी रहने पर यह जुमला पत्रकारिता जगत में बहुत सुर्खियों में रहा था....कि बिक कर छप रहे अखबार.. और आज भी यदा कदा इसको कहीं कहीं पत्रकारों द्वारा "फिट" किया जाता रहता है.. .. परन्तु अब इसी कड़ी में एक और जुमला कि क्या "बिक कर लिखते हैं पत्रकार" पत्रकारिता जगत में सुर्खियां बटोरने को लालायित हो रहा है.... मध्यप्रदेश के एक वरिष्ठ और मीडिया सुर्खियों में रहने वाले मंत्रीजी के बड़े भाईसाहब के कथन का विडियो वायरल होने के बाद,.... देखिए विडियो 👇यहां क्लिक कर  तो पहले विडियो की चर्चा करते हैं इसमें मध्यप्रदेश के उर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के बड़े भाई देवेंद्र सिंह तोमर दीवाली मिलन के लिए आए..... या यूं कहे बुलवाये गये पत्रकारों को...... समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि मेरे पास लिस्ट आई और उसी के अनुसार लिफाफे तथा मिठाई के डिब्बे भी आए जो मैने आपको शुभकामनाएँ सहित दिये या यू...

फर्जी पत्रकार जैसा कुछ नहीं होता, या तो पत्रकार होता है या पत्रकार नहीं होता है, बस।

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  फर्जी पत्रकारों पर हो रही चर्चा इन दिनों सुर्खियों में है तो बता दूं कि ऐसा कुछ होता ही नहीं है, मतलब फर्जी पत्रकार नहीं होते हैं या तो पत्रकार होते हैं, जी हां सिर्फ और सिर्फ पत्रकार होते हैं या पत्रकार नहीं होते हैं बस, ये फर्जी शब्द के फर्जीवाड़े का पत्रकारों के साथ कब, क्यों और किसने घालमेल कर दिया रामजाने, अभी मुद्दा सुर्खियों में है तो बात लाजिमी है।  कुतर्क सहित व्यर्थ बहस ना करते बस इतना जान लीजिए......... कि अपने देश में नियमानुसार भारत सरकार के आरएनआई विभाग द्वारा रजिस्ट्रेशन प्राप्त समाचार पत्र के स्वामी और उनके द्वारा अधिकारिक रूप से अधिकृत व्यक्ति तथा प्रसार भारती के कतिपय नुमाइंदों को (शर्त पाबंदी अनुसार) वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट 1955 एवं अन्य के आधार पर कानूनन पत्रकार माना जाता है, अन्य में कुछेक जो स्वतंत्र रूप से पत्रकारिता कर्म में संलग्न है, वे फ्री लांस या कहें स्वतंत्र पत्रकार के रूप में, और अब तकनीकी विकास के साथ बन गये इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में पत्रकारिता कर्म करने वाले बतौर पत्रकार सहज स्वीकार्य किये जाते हैं, परन्तु ये वैधानिक रूप में पत्रकार मान्य नह...

पत्रकारों के बीच घुस आए ब्लेक मेलरो के खिलाफ इन्दौर प्रेस क्लब खुलकर आया सामने, सूचनार्थ जारी किए नम्बर त्वरित कार्रवाई का दिया आश्वासन।

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 विगत कुछ दिनों से पत्रकारों द्वारा ब्लेक मेलिंग करने की शिकायतों के साथ ऐसी घटनाओं पर की गई पुलिस रिपोर्टों की खबरें लगातार चर्चा में बनी हुई थी, जिसके चलते जहां माँ सरस्वती की आराधना के पवित्र कर्म पत्रकारिता पर कलंक के दाग लग रहे थे वहीं इस कर्म में पवित्रता के साथ बरसों से तपस्या रत पत्रकार भी आत्मग्लानि का शिकार हो बिलावजह कलंकित हो रहे थे।  एक मछली पूरे तालाब को गंदा करती वाली कहावत स्वरूप कुछेक लोभी स्वार्थी और धनलोलुप लोगों ने स्वयं को कतिपय वैधानिक एवं अन्य साधनों के जरिए पत्रकार साबित करते इस क्षेत्र में घुसपैठ बना स्वयं को तथाकथित तौर पर स्थापित भी कर लिया और पत्रकारिता की आड़ लेकर अपने स्वार्थ पूर्ण करने मे लग गये तथा इसके लिए वे सामाजिक मर्यादाओं के स्तर में किसी भी हद तक गिरने से नहीं सकुचा रहे, पैसा वसूलने के लिए वे विभिन्न सामाजिक व्यावसायिक संस्थान, व्यापारी बंधु सहित सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों और आम अवाम को डराने धमकाने के साथ ब्लेकमेल करने लगे, ऐसे कतिपय असामाजिक तत्वों जो स्वयं को पत्रकारों की जमात का बता अनैतिक कार्य कर रहे उनके खिलाफ इन्दौर प्रेस क्लब ...

महंगाई बनी हेमा मालिनी, मनमोहनसिंह सरकार के समय की डायन महंंगाई अब अप्सरा बन गई है, हेमा मालिनी बन गई है, महंगाई।

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मध्यप्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरुण यादव ने केंद्र सरकार पर महंगाई को लेकर भारतीय जनता पार्टी द्वारा केन्द्र की मनमोहनसिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर उनके पुराने तंज महंगाई डायन खाऐ जात है की याद दिला कटाक्ष करते हुए कहा कि हमारे टाइम महंगाई डायन थी अब महंगाई अप्सरा बन गई है हेमा मालिनी बन गई है। . .... देखे विडियो 👇क्लिक कर....  बता दे कि अरूण यादव खंडवा लोकसभा उपचुनाव में कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल होने खंडवा की पंधाना विधानसभा में पहुंचे थे वहीं उन्होंने कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित करते हुए इस तरह महंगाई के मुद्दे पर केन्द्र सरकार को आड़े हाथों ले कटाक्ष किया कि हमारे समय मे तो महंगाई डायन थी अब महंगाई अप्सरा बन गई है हेमा मालिनी बन गई है ।