स्कूल ऑफ एक्सीलेस फॉर आई की नियुक्तियों में अनियमितता के साथ भ्रष्टाचार का खेल।
हड्डी के डाक्टर को बनाया नेत्र रोग उपकरण खरीदने का प्रभारी, गाईड लाईन की अनदेखी कर की डॉक्टरों की नियुक्ती।
इन्दौर- स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आई में दो डॉक्टरों की नियम विपरित नियुक्ति के साथ ही अन्य विभागों में भी पद के अनुसार अयोग्य डाक्टरों कि, की जा रही और की गई नियुक्तियों में भी अनियमितताओं के चलते प्रदेश के सबसे बड़े सस्थांनो में शामिल इस गौरवपूर्ण सस्थान के कर्ताधर्ताओ पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लग रहें है।
प्रदेश में नेत्र रोग की सबसे बडी संस्थान स्कूल ऑफ एक्सीलेस फॉर आई में विगत दिनो हुई डॉ.मीता जोशी एवं डॉ.टीना अग्रवाल की नियुक्ति को लेकर आप्टोमेट्रिस्ट फेडरेशन का कहना है कि अपनी मर्जी से प्रबंधन ने ये नियुक्ति की है । इसमें एमसीआई गाईड लाईन का अनदेखी कर प्रबंधन ने भ्रष्टचार करके नियुक्ति की गई है । आप्टोमेट्रिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष कमल गोस्वामी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आरोप लगाया कि सभी डॉक्टरों की नियुक्ति की उच्चस्तरीय जांच होना चाहिये जिससे एमजीएम मेडिकल कॉलेज में जो भ्रष्टचार हो रहा वह उजागर हो सके और उसमें जो भी दोषी अधिकारी एवं डीन शामिल पाये जाते है तो उन्हें निलंबित किया जाये और उन पर उचित कार्यवाही की जाये । गोस्वामी ने यह आरोप भी लगाया कि 20 जुलाई को सिनियर रेसीडेन्ट डॉक्टर ( एसआर ) कि जो विज्ञप्ति जारी की गई थी उसमें स्कूल ऑफ एक्सीलेस फॉर आई में 6 पोस्ट के लिये विज्ञापन जारी किया गया लेकिन दिनांक 28.07.2022 को जो विज्ञप्ति जारी की गई उसमें सिनियर रेसीडेंस के लिये 5 पद बताये गये इससे एक पद की नियुक्ति कर दी है ऐसी शंका उत्पन्न होती है कि इसमें भी भारी भ्रष्टचार हुआ है इसकी भी जांच होना चाहिए। मध्यप्रदेश आप्टोमेट्रिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष कमल गोस्वामी ने बताया की दो वर्ष से अधिक बीत जाने के बाद भी आप्टोमेट्रिस्ट सूची जारी नहीं की गई है और ना ही आप्टोमेट्रिस्ट की भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है, परीक्षा शुल्क रूपये 1000 / लेने के बावजूद परीक्षा नहीं ली गई है और ना ही वह शुल्क लौटाया गया अनुसुची जिन अधिकारियों / डीन ने बनाई है उसके लिये आप्टोमेट्रिस्ट का भविष्य अंधकार मय हो गया है और यहीं नही अयोग्य व्यक्ति जिसके पास पेरामेडिकल रजिस्ट्रेशन नहीं है , उस व्यक्ति को भी भ्रष्टचार कर उसे स्कूल ऑफ एक्सीलेस फॉर आई में नियुक्त कर दिया गया है । स्कूल ऑफ एक्सीलेस फॉर आई के सुपरीडेंट डॉ . डी.के. शर्मा जो कि हड्डी के डॉक्टर है उनको आंखो के उपकरण खरीदने के लिये अधिकृत किया गया है जिससे इसमें भारी भ्रष्टचार की आंशका प्रतीत होती है गोस्वामी ने नियुक्त पद के लिए अयोग्य डॉक्टर डीके शर्मा को अपने पद से तुरंत हटाने की मांग की है।
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