कलेक्टर साब ये मीटिंग विटिग की मच मच छोड़ ग्राउंड जीरो पे आको कलेक्टरी की बनेठी घुमाओ।
बितला रहे भिया इन्दौरी ठेठ इन्दौरी स्टाईल में बकलम आनन्द पुरोहित । भिया राओओओम..... भिया ये कोरोना तो मान ही नि रिया हेगा फिर पलटिमार को आ रिया, त्यौहारों की पूरी तरो से बारां बजाने पे ही तुला हे, लगता है कुछ न कुछ तो करना पड़ेगा भिया, पन सम्पट नि बेठ रि किसी को भी... मिटिंग पे मिटिंग ले रिये सबके सब, क्या नेता क्या अफसर, पेले ही तो संडे के संडे फिर से घर में टांग दिया इन्ने, मतलब इतवार का लाॅकडाउन तो कर ही दिया भिया , फडफडारिये भिया सब लोगओन , ताली थाली बजवई थी पिछले साल बड़े मामू ने तो सब कैसे लटूम गये थे याद हे कि नि, न अब तो सायरन व्हां हूं.... व्हां हूं..... व्हां हू.... बजा के समझा रिये अपने मामा कि मास्क लगालो रे सईसाॅट तरीकों से न सोशल डिस्टेंस भी बनाओ और जबरन मत इकलो घरो से फालतू भेगत इकठ्ठी मत करो,.... पब्लिक तो मान ले पन इन नेताओं की नेतागिरी तो इन फोक्टे भेगतियो से ही चलेगी न, तो इनको भी समझाओ, फोकट झांकी डंडे नि फिराए नि तो कोरोना भैंकर रूप से चपेटे में ले लेगा, मान जाओ टेम रैते नि तो फिर पंद्रह बीस दिन को टांग दिए जाओगे घर में, लाॅकडाउन करा के..... और भिया इधर अफसर ...