उमिया पाटीदार स्कूल परिसर में उतरे द्वादश ज्योतिर्लिंग विद्यार्थियों ने अभ्युदय में बनाई अद्भुत झांकी ।

 बालमन की कल्पना शीलता के आगे आसमान की उंचाई भी नतमस्तक हो जाती है, और ये अपनी सृजनशील हठधर्मिता के चलते अविश्वसनीय असंभव को भी संभव करते साकार बना देते हैं ।

पौराणिक कथाओं में बालपन की कल्पना में सर्वोच्च स्थान भगवान श्रीकृष्ण की मैया मोहे चांद खिलौना चहै को है ....तो हठधर्मिता में बाल समय हनुमान जी ने सूरज को ही मुख में भर लिया था ....यही नहीं भगवान श्री गणेश ने तो अपनी अद्भुत कल्पनाशीलता और सृजनात्मकता का परिचय देते माता पिता की परिक्रमा कर ही अखिल ब्रम्हांड का चक्कर लगा दिया वह भी सबसे पहले। 

सनातन धर्म के सदृश बालकपन की कुछ ऐसी ही अद्भुत सृजनशीलता श्री उमिया पाटीदार स्कूल परिसर में स्कूल के नन्हे विद्यार्थियों ने द्वादश ज्योतिर्लिंगों की सजीव झांकी सजा साकार कर दी ....देखने वाले अपलक आश्चर्य से देखते ही रह गये । देखिए आप भी उस अद्भुत झांकी को जिसे श्री उमिया पाटीदार स्कूल के विद्यार्थियों ने सीमित साधनों से ही कितनी लगन मेहनत से सजाकर जीवंत कर दिया।


श्री उमिया पाटीदार हायर सेकेंण्डरी स्कूल तिल्लौर खुर्द के परिसर में आयोजित कार्यक्रम अभ्युदय -An Exhibition में स्कूल के विद्यार्थियों ने साकार किये ये द्वादश ज्योतिर्लिंग । अभ्युदय में इसके अलावा भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा पर आधारित 64 कलाओं की प्रस्तुति के साथ कक्षा-1 से कक्षा -12 के विद्यार्थियों द्वारा अलग अलग विषयों जैसे साइंस मैथ्स हिन्दी इंग्लिश पर तैयार प्रोजेक्टो का भी जीवंत प्रदर्शन किया गया । 

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उमिया पाटीदार हायर सेकेण्डरी स्कूल के 64 कलाओं का प्रदर्शन करने वाले कलाकार विद्यार्थियों से मिलिए क्लिक कर यहां 👇



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