8 साल बाद 8 दोषियों को 7 साल की सजा।
डाक्टर, प्रोफेसर, कोचिंग संचालक मुन्ना भाई बन दे रहे थे एक्जाम अब गये जेल।
देशभर में चर्चित मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले में होलकर साइंस कॉलेज से व्यापम परीक्षा के दौरान 8 मुन्ना भाई नाम बदलकर एग्जाम देने के और दिलवाने के मामले में पकड़े गए थे। मामला वर्ष 2013 का था , इस बहुचर्चित मामले में अब कोर्ट ने 8 आरोपियों के खिलाफ सजा का ऐलान कर दिया है। पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ 8 साल बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को 7 साल की सजा सुनाई है। ज्ञात हो कि व्यापम ने मध्य प्रदेश में 2004 से 2014 के बीच 79 परीक्षाएं आयोजित कराई थी इनमें इंदौर पुलिस ने अलग अलग परिक्षाओं में 20 मुन्नाभाई को गिरफ्तार कर घोटाले का पर्दाफाश किया था 2013 में डिप्लोमा एग्जाम पशुपालन के दौरान चार छात्र दूसरे छात्रों की जगह परीक्षा देते पकड़े गए थे । जिन असल परीक्षार्थी छात्रों की जगह ये मुन्ना भाई एक्जाम दे रहे थे उन्हें भी इनके साथ आरोपी बनाया गया था। इन्हीं 8 आरोपियों को विशेष जज ने सजा सुनाई है। वाद अधिवक्ता के अनुसार असल छात्रों की जगह एग्जाम देने वाले ये फर्जी मुन्ना भाई छात्र झांसी उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे जिसमें से एक डॉक्टर था और एक वर्तमान में प्रोफेसर है, साथ ही एक आरोपी कोचिंग क्लास चला रहा था । वहीं सभी असल छात्र जिनके बदलें ये एक्जाम देने आए थे धार झाबुआ के थे। मामला पकड़ाने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी तथा पुलिस चालान पेश होने के चलते मामले में 2014 से कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई थी। तमाम बयानों सबूतों को मद्देनजर रखते विशेष अदालत जज संजय कुमार गुप्ता ने 8 साल बाद इस केस में दोषियों को सजा सुनाई। न्यायालय ने सभी आरोपियों को इसमें दोषी माना और धारा 467, 419 और 120 बी के तहत दोषी मानते हुए 7 वर्ष की सजा सुनाई गई है। सजा सुनाए जाने के बाद जमानत पर छूटे हुए सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। 2013 के इस बहुचर्चित व्यापम मुन्ना भाई एक्जाम फर्जीवाड़े में जिन आरोपियों को कोर्ट ने सजा सुनाई उनके नाम अवनीश प्रताप सिंह, मोहम्मद एजाज अली, अंकित, अनूप, रमा डामोर, माखन सिंह ,अमीर होलकर, देवेंद्र झनीया है, सभी को जेल भेज दिया गया है।
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