ग्रहण काल में हो रहा शिवमन्दिर में चमत्कार, किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा सब बना रहे विडियो।सूर्य ग्रहण से जोड़ इसके शुभ अशुभ प्रभाव की कर रहे चर्चा।
नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में शिवलिंग के ऊपर जलधारा के लिए बंधा हुआ जल से भरा कलश अपने आप ही घड़ी के पेंडुलम की तरहां इधर उधर हिल रहा है जबकि मंदिर बन्द है वहां आसपास कोई नहीं है और न ही इतनी तेज हवा या आंधी चल रही है।
सूर्य ग्रहण के चलते सूतक से पहले पुजारी लक्ष्मणजी ने रात करीब साढ़े तीन बजे पूजा कर मंदिर के पट बंद कर दिए गए थे। प्रतिदिन दर्शन नियम वाले भक्त जब दर्शन करने सुबह मंदिर पहुंचे तो कलश को इस तरह हिलते डुलते देख अचंभित रह गये । उन्होंने परिचितों को सूचना दी और देखते ही देखते मंदिर में भीड़ बढ़ने लगी, उपस्थित जनसमुदाय द्वारा बनाए और पोस्ट किए विडियो सोशल साइट्स पर वायरल होने लगे। ज्ञात हो कि अभी कुछ दिनों पहले ही मध्यप्रदेश के मालवा निमाड़ क्षेत्र के कई मंदिरों में शिव नंदी प्रतिमा द्वारा जलपान किए जाने की घटना भी हुई थी तब भी मंदिरों में भक्तों का अपार समूह एकत्रित हो गया था ।
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दीपावली के दूसरे दिन शिव मंदिर में सूर्य ग्रहण पर ये अद्भुत अविश्वसनीय नजारा मध्यप्रदेश के धार जिले मे धामनोद के बावड़ी मोहल्ले में स्थित नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में दिखाई दिया जहांं शिवलिंग के ऊपर बंधा हुआ जल से भरा कलश अचानक तेज गति से इधर उधर हिलने लगा। इस अद्भुत घटना को देखने वाले भक्तों की भारी भीड़ जमा हो गई। सबको पता था कि सूर्य ग्रहण सूतक से पहले ही पुजारी रात 3 बजे पूजा-अर्चना के बाद मंदिर के पट बंद कर चुके थे। पट बंद मंदिर में कोई भी नहीं था नहीं वहां आसपास कुछ ऐसा दिखाई देता कि कलश हिलाने का उससे कोई संबंध हो और न ही कोई आंधी या तूफान अथवा इतनी तेज हवा चल रही थी कि कलश को हिला सके । पट बंद मंदिर की जाली से भक्तों ने मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग के ऊपर जल से भरे कलश को इस तरह हिलते डुलते भरपूर निहारते दर्शन कर उसके विडियो बनाये। बता दें कि मां नर्मदा का जल शिवलिंग के ऊपर अभिषेक के लिए कलश में भरा जाता है। भक्त इस घटना को सूर्य ग्रहण से जोड़कर भविष्य में इसके शुभ अशुभ प्रभाव की चर्चा करते नजर आए।
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