नीट यूजी 2022- आकाश बायजू इंदौर की सानिका अग्रवाल ने किया मध्य प्रदेश में टॉप, 705 के स्कोर के साथ हासिल की 29 वीं ऑल इंडिया रैंकिंग।
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इंदौर - नीट यूजी 2022 में आकाश बायजू के इंदौर ब्रांच की छात्रा सानिका अग्रवाल ने 720 में से 705 अंक हासिल कर 29 वी आल इंडिया रैंक हासिल की है । इन्दौर की सानिका अग्रवाल इसी के साथ मध्य प्रदेश में टॉप पर भी रही है। इंजीनियर माता - पिता की बेटी सानिका ने पहले जेईई मेन्स की तैयारी की थी और जेईई मेन 2022 में भी 99 पर्सेटाइल प्राप्त किया था ।
आकाश बायजू इंदौर में दो साल के नीट प्रोग्राम की छात्रा सानिका एक अच्छे कॉलेज से अपनी मेडिकल एजुकेशन पूरी करने के लिए उत्सुक है और एम्स दिल्ली उसकी फर्स्ट च्वाइस है। सानिका का कहना है कि मैंने अपने माता पिता को हर समय लैपटॉप के सामने समय बिताते देखा हैं । लेकिन मुझे लोगों से घुलना मिलना और बातें करना पसंद है , मुझे लगता है कि अगर में डॉक्टर बनती हूं तो मुझे लोगों के साथ बातचीत करने के अधिक अवसर मिलेंगे । सानिका को अपनी प्रोफेशनल एजुकेशन के बारे में अपना मन पक्का करने में काफी समय लगा । आकाश बायजू में रहते हुए सानिका फ्लेक्सबल और बैलेंस नेचर की छात्रा के रूप में सामने आई । प्रारंभ में , उसने संस्थान में इंटरनल टेस्ट में कम अंक प्राप्त किए । यह उसकी 11 वीं कक्षा के दौरान की बात थी , नीट मॉक टेस्ट में उसके स्कोर में सुधार हुआ । लेकिन उसका स्कोर कितना भी कम या ज्यादा क्यों न हो सानिका ने ज्यादा देर तक कुछ भी अपने दिमाग या दिल पर नहीं रखा । सानिका ने संस्थान में होने वाले रेग्युलर टेस्ट से अपने प्रदर्शन में सुधार किया । वह पूरी उत्सुकता के साथ टेस्ट में शामिल होती थी तथा अपनी गलतियों का विश्लेषण करती , और मुश्किल कॉन्सेप्ट को समझने के लिए लगातार प्रयास करती और फिर से टेस्ट देने में उत्साह के साथ आ जाती । सानिका का कहना है कि इन टेस्ट सीरीज ने मुझ पर काफी असर डाला । में कह सकती हूं कि आकाश बायजू टेस्ट डिजाइन करने में एक उत्कृष्ट संस्थान है । मेरे लिए यह सुखद आश्चर्य था कि नीट यूजी 2022 के लगभग सभी प्रश्न मेरे लिए बहुत परिचित थे , क्योंकि मैंने आकाश बायजू के अपने मॉक टेस्ट में उन्हें पहले ही हल कर लिया था । वह यह भी कहती है कि दो साल के प्रोग्राम में उनकी परीक्षा की तैयारी बहुत अधिक प्रक्रिया आधारित थी । सानिका ने बताया कि पढ़ाई के दौरान स्टडी ब्रेक के लिए वह अपनी कॉलोनी में ही अपने दोस्तों से मिलने के लिए निकल जाती थी रिलैक्स और स्टेस फ्री रहने के लिए उन्हें पार्टी करना भी पसंद है । सानिका अग्रवाल को नीट में उनके उत्कृष्ट स्कोर पर बधाई देते हुए आकाश बायजू के मैनेजिंग डायरेक्टर आकाश चौधरी ने कहा कि ऐसे बहुत लोग नहीं हैं जो नीट और जेईई दोनों की एक साथ तैयारी कर सकते हैं , और उनमें से भी बहुत कम ही इन दोनों में ही इतना अच्छा स्कोर करते हैं । सानिका इसी तरह की बेहद दुर्लभ छात्रा है । मुझे खुशी है कि उसने अपने दिल से हायर एजुकेशन के लिए मेडिकल को चुना है , और उसे अपने परिवार और दोस्तों का सपोर्ट प्राप्त है । मुझे यह जानकर खुशी हुई कि आकाश बायजू में , वह सबसे सिनसीयर छात्रों में से एक के रूप में बनी रही , और यह कि अपनी शैक्षणिक यात्रा के उतार चढ़ाव को ज्यादा पर्सनली न लेने का अच्छा गुण है । ये सभी कारक सानिका को वो बनाते हैं जो वो है ।
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प्रश्न:- मिच्छामि दुक्कडं और खमत खामणा में क्या फर्क है ? उत्तर:- • मिच्छामी दुक्कडं अर्थात मेरा पाप निष्फल हो । • खमत खमणा :- आपको खमाता हूँ अर्थात आपसे क्षमा चाहता हूँ । • आजकल खमत खामणा के अवसर पर शास्त्र विरुद्ध प्रचलन देखा जा रहा है । • खमत खामणा" की जगह "मिच्छामि दुक्कड़म्" का प्रयोग हो रहा है यह गलत है, अज्ञान है । • लीक से हटकर कुछ करने की इच्छा है, और जो कुछ भी नया चलन में आता दिखे उसकी नकल करने की प्रवृत्ति है। "मिच्छा मि दुक्कड़म्" और "खमत खामणा", दोनों जैन दर्शन के शब्द हैं, लेकिन दोनों समान अर्थ वाले पर्यायवाची वाक्यांश नहीं हैं। दोनों के अर्थ बिल्कुल अलग हैं। • "मिच्छा मि दुक्कड़म्" का अर्थ है - मेरा यह पाप दुष्कृत्य मिथ्या हो, निष्फल हो । इसका प्रयोग तभी होता है, जब आपको पता हो कि आप से क्या भूल हुई है। उस पाप भूल को निष्फल करने के लिए "मिच्छा मि दुक्कड़म्" का प्रयोग होता है। इसमें ना तो क्षमा मांगी जा रही है, ना ही क्षमा दी जा रही है। मात्र अपने पाप दुष्कृत्य को निष्फल करने की कामना और पश्चाताप भाव लिए होता है ...
दुर्ग । आज दुर्ग में 6 कोरोना योद्धाओं समेत कोरोना के कुल 9 नये मामले आये, शंकराचार्य कोविड हास्पीटल के दो डाक्टर कोरोना की चपेट में आये हैं, इसके चलते अब वे उसी अस्पताल में ईलाज के लिए एडमिट हो गये हैं जहां वे कभी मरीजों का ईलाज करते थे। उधर दुर्ग के नेवई थाना के तीन पुलिस जवान में भी कोरोना संक्रमण पाया गया है जिस कारण पूरा थाना सील कर सम्पूर्ण स्टाफ की जांच की जा रही है, तो इधर सेक्टर एक की कोविड हास्पिटल की की एक नर्स भी कोरोना पॉजेटिव पायी गयी है। छत्तीसगढ़ में कोरोना मरीजों का आंकड़ा अब 2000 के आंकड़े के करीब पहुंच गया है। आज अभी तक छत्तीसगढ़ में 82 नये कोरोना मरीज मिले हैं। हालांकि अच्छी बात ये भी है कि आज 46 मरीजों को स्वस्थ्य होने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज भी किया गया है। आज 82 मजदूरों में सर्वाधिक 22 मरीज बलरामपुर से मिले हैं, वहीं बलौदाबाजार से 12 नये संक्रमितों की पहचान हुई है। जांजगी-चांपा और रायपुर से 11-11 नये मरीज मिले हैं, जबकि दुर्ग से 9, राजनांदगांव से 8, बिलासपुर से 4, कोरिया से 3 और कोरबा से 2 कोरोना पॉजेटिव मरीजों की पहचान हुई है। छत्तीसगढ़ में कोरोना का प्...
भारतीय शिक्षा क्रम का क्षेत्र सनातन काल से ही बहुत व्यापक रहा है शिक्षा में कलाओं की शिक्षा सर्वोपरी थी। विभिन्न कलाओं के सम्बन्ध में पुराणों सहित रामायण, महाभारत, जैसे कई ग्रन्थों में विस्तार से जानकारी दी गई है परंतु शुक्राचार्य जी द्वारा रचित 'नीतिसार' नामक ग्रन्थ के चौथे अध्याय के तीसरे प्रकरण में इसका संक्षिप्त में ही सम्पूर्ण वर्णन मिलता है। नीतिसार के अनुसार कलाएँ अनन्त हैं, सबके नामकरण रख बताना संभव नहीं है परंतु उनमें से 64 कलाएं जीवन में आवश्यक है और इनमें निपुण न सही पर इनकी जानकारी सभी को होना चाहिए । भगवान् श्री कृष्ण 64 कला में निपुण थे इसीलिए उन्हें पूर्ण पुरुषोत्तम भी माना जाता है। कला का लक्षण बतलाते हुए आचार्य लिखते हैं कि जिसको एक मूक (गूंगा) व्यक्ति जो वर्णोच्चारण भी नहीं कर सकता हैं वह भी कर सके, वह ही 'कला' है। 'शिवतत्त्वरत्नाकर' में मुख्य-मुख्य 64 कलाओं का नामनिर्देश किया गया है और उन्ही चौंसठ कलाओं से श्री उमिया पाटीदार स्कूल के विद्यार्थियों ने सहजता से हमारा परिचित करा दिया है तो आइए पहले श्री उमिया पाटीदार स्कूल के 64 कलाओं में निपु...
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