5 करोड़ का बिल पास करने के लिए 15 लाख की घूस लेते तीन अधिकारी गिरफ्तार। एंटी करप्शन ब्यूरो ने ही 10 लाख के डमी नोट दे बिछाया जाल।
हास्पिटल के वित्तीय सलाहकार बृजभूषण शर्मा, मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी आरएमआरएस केशियर अजय शर्मा व सहायक लेखाधिकारी प्रकाश शर्मा को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की एक टीम ने 15.6 लाख रुपये की कथित रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।
एन्टी करप्शन ब्यूरो के एडीजी दिनेश एमएन के अनुसार एक निजी अस्पताल के संचालक ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के मुताबिक परिवादी ने पीपीपी मॉडल के आधार पर सवाई मानसिंह अस्पताल में रेडिएशन थैरिपी की मशीनें लगा रखी है। जिसका करीब सवा पांच करोड़ का भुगतान होना शेष है। भुगतान के बिल पास करने की एवज में एसएमएस अस्पताल का वित्तीय सलाहकार और केशियर 3 प्रतिशत कमीशन के लिहाज से करीब 15 लाख रुपए मांग रहे थे। परिवादी ने इतने रुपयों के इंतजाम करने में ब्यूरो को असमर्थता जताई तो इसके बाद एन्टी करप्शन ब्यूरो ने चिल्ड्रन मनी के डमी नोट उपलब्ध करवाए और योजनानुसार ब्यूरो की टीम ने शुक्रवार को आरोपी बृजभूषण शर्मा को 7,80,000/- रुपये तथा सोसायटी के कैशियर आरोपी अजय शर्मा, सोसायटी के सहायक लेखाधिकारी प्रकाश शर्मा को 7,80,000/- रुपये अर्थात कुल 15.6 लाख रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया।
रिश्वतखोरों को ट्रेप करने के दौरान 5 लाख रुपए असली उपयोग में लिए गए जबकि शेष 10 लाख 60 हजार रुपए की राशि में डमी नोट दिए गए। एसीबी के डीजी बीएल सोनी का कहना है कि परिवादी द्वारा रुपयों की व्यवस्था नहीं होने पर एसीबी डमी नोट उपलब्ध कराती है ,ताकि ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम दिया जा सके।
ज्ञात रहे कि सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर ही नहीं राजस्थान का सबसे बडा अस्पताल है और इसकी प्रतिष्ठा तथा ख्याति देश नही बल्कि पूरी दुनिया में सम्माननीय है। मामले में सोसायटी के प्रभारी डा. ए.के. जोशी को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया बताया जा रहा है।
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