आपरेशन गंगा सफलता के लिए सीमा पर केन्द्रीय मंत्री कर रहे समन्वय के साथ फंसे हुए नागरिकों की सहायता, क्या है आपरेशन गंगा जानिये।
रूस द्वारा यूक्रेन के खिलाफ मिलिट्री कारवाई के चलते यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को पोलैंड, हंगरी, रोमानिया और स्लोवाक गणराज्य के साथ सीमा पार करने वाले रास्तो से भारत लाया जाए ऐसी भारत सरकार की रणनीति है, इस हेतु 27 फरवरी, 2022 को विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने में सहायता के लिए 24×7 नियंत्रण केंद्र स्थापित कर एक बहु-आयामी निकासी योजना शुरू की जिसे नाम दिया गया आपरेशन गंगा।
मंत्रालय ने इसके लिए ट्विटर हैंडल ‘OpGanga’ को भी एक्टिवेट किया है।
आपरेशन गंगा के तहत केन्द्रीय मंत्रियों की कार्यवाही देखने के लिए.......... यहां 👇क्लिक करें
जब रूस ने यूक्रेन के खिलाफ अपना आक्रमण तेज कर दिया तो यूक्रेन के हवाई क्षेत्र को नागरिक विमान संचालन के लिए बंद करने के बाद यह निकासी अभियान शुरू हुआ। अब तक, भारत सरकार फंसे हुए नागरिकों को वापस लाने के लिए एयर इंडिया की कई विशेष उड़ानें संचालित करने में कामयाब रही है तथा अब इसमें भारतीय वायुसेना के विमानों को भी शामिल किया जा रहा है। इस आपात स्थिति के चलते भारत सरकार ही नागरिकों की निकासी का खर्च वहन कर रही है। ऑपरेशन गंगा के तहत तकरीबन 15,000 भारतीयों को यूक्रेन से निकाला जाएगा, आपरेशन गंगा की पूर्णतः सफलता निश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा चारों देशों की सीमाओं पर अपने चार केन्द्रीय मंत्री भेज दिए हैं वे हंगरी, रोमानिया, स्लोवाकिया और पोलैंड में भारत के राजदूत सहित भारतीय दूतावासों में पदस्थ राजनयिकों सहित वहां की सरकार के साथ समन्वय स्थापित कर भारतीय नागरिकों की यूक्रेन से निकासी सुनिश्चित करेंगे...
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