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Showing posts from April, 2021

मत चुके चौहान !.... अंगुल अष्ट प्रमाण के साथ बता लक्ष्य , किया आव्हान, बिठा चिड़िया, कर संधान.......मत चुके चौहान .....

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 बात पत्रकारों के हित की ही कर रहा हूं माननीय, उन्हीं पत्रकारों के हित कि जो आम अवाम से मिलने वाले भावनात्मक मान सम्मान और आदर के साथ उनके, उन पर, विश्वास को ही अपनी कमाई तथा पारिश्रमिक मान इसे ही अपने संपूर्ण जीवन की पूंजी के रूप में सहेजते है, आज भी, और आज भी हर और से हताश, लाचार,  बेबस और परेशान आम जन, पत्रकारों की और ही आशा भरी याचना पूर्ण नजरों से देखता है, उन्हें विश्वास है कि ये कलम के सिपाही समाज के इन तथाकथित रहनुमाओ के इस भ्रष्ट सडांध मारते, सडते गलते, कुचक्र के चक्रव्यूह से हमें निजात दिलवाऐगे,..... चाहें हर वर्ग, हर वर्ण, हर स्तम्भ पाप कर्म में लिप्त हो जाए, लेकिन ये नारद पुत्र न्याय की अलख जलाऐ ही रखेंगे, परन्तु इनमें घुसपैठ बना चुके कुछ जयचंदो के कारण ये कलम कभी कभी सुल्तान की बांदी बन जाती है, और फिर संघर्ष और साहस की नीतिगत सोच के साथ कुछ चंदबरदाई सरीखे सर्वस्व समर्पण भाव के साथ कलम के मान सम्मान स्वाभिमान को आजाद कराते हैं। वर्तमान में जो विश्वव्यापी महामारी की आपदा आई है उसमें भी ये पत्रकारों का वर्ग अपने उत्तरदायित्व का गरिमा और सम्मान के साथ किसी भी हद तक ज...

रेमडेसिवीर को जब डब्ल्यू एच ओ खारिज कर चुका तो भी इतनी मच मच क्यों, कोविड-19 के लिए प्रभावी नहीं रेमडेसिवीर, ये आपदा में अवसर तो नहीं ?

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 कोरोना संक्रमण की शुरूआत के बाद से ही इसके इलाज और रोकथाम के लिए चिकित्सा जगत में चिंता के साथ परीक्षण और अन्वेषण शुरू हो गये थे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोविड-19 के इलाज में चार ख़ास दवाएं कितनी कारगर हैं इसे लेकर विस्तृत परीक्षण किया था और बता दें कि रेमडेसिवीर वो पहली दवा थी जिसे कोरोना के इलाज के लिए सबसे पहले ट्राई किया गया था. इसे तात्कालिक अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इलाज में भी इस्तेमाल किया गया था। BBC News की वेबसाइट पर की खबर के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रेमडेसिवीर और हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) समेत चार दवाओं को कोरोना वायरस संक्रमित मरीज़ों के इलाज में बहुत कम प्रभावी बताया है बता दे कि यह रिपोर्ट और डब्ल्यू एच ओ के परीक्षण परिणाम अक्टूबर 2020 मतलब आज से तकरीबन   छ माह पूर्व के ही हैं। बीबीसी की खबर के अनुसार ही रेमडेसिवीर की निर्माता कंपनी गिलिएड ने डब्ल्यूएचओ के अध्ययन में आए परिणामों को खारिज किया है. गिलिएड ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि अध्ययन के निष्कर्ष दूसरे अध्ययनों से मेल नहीं खाते और इन परिणामों की समीक्षा किया जाना ...

इन्दौर के विकास महाले ने की वोकल फॉर लोकल की राह आसान, देश बनेगा आत्मनिर्भर आम आदमी का होगा आर्थिक विकास। प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए बनाई वेबसाइट।

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सम्पूर्ण विश्व के साथ-साथ अपने देश भारत की भी लाॅकडाउन के कारण ध्वस्त हो चुकी अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत वोकल फॉर लोकल का मंत्र दिया जनता ने भी उसे हाथों हाथ लिया, बेबस लाचार बेरोजगारी से त्रस्त आम अवाम में वोकल फॉर लोकल से आत्मविश्वास की आशा जगी वो कुछ कर गुजरने को तत्पर हुई परन्तु वोकल फॉर लोकल की राह भी इतनी आसान नहीं थी अव्वल तो लोकल उत्पादनों और सेवाओं के बारे में जानकारी का ही अभाव दूसरे अपने उत्पादों और सेवाओं को स्थानीय स्तर पर लोगों को बताना मतलब लोकल का प्रसार जानकारी जन जन तक कैसे पहुंचे इसके अभाव में वोकल फॉर लोकल सिर्फ नारे से ज्यादा कुछ नहीं रह पाता और प्रधानमंत्री का देश को वोकल फॉर लोकल के मंत्र के साथ आत्मनिर्भर बनाने का सपना भी चूर चूर हो जाता ऐसे में इन्दौर के एक युवा विकास महाले ने प्रधानमंत्री के वोकल फॉर लोकल के सपने को मूर्त रूप देने और आम अवाम को अपनी सेवाओं उत्पादनों की जानकारी जन जन तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया।    आज विकास महाले कि इस वेबसाइट Indiavocal2local के जरिए एक सामान्य जन से लगाकर ...

कैमरे की नजर में बगैर मास्क वाले, बना कर हाईटेक चालान, गाड़ी नम्बर से ट्रेस कर भेजा जा रहा घर। तीन और से हो रही घेराबंदी।

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बगैर मास्क पहने सड़कों पर निकलने वालों की अब खैर नहीं...। स्मार्ट सिटी के तहत शहर के प्रमुख चौराहों पर लगाए गए कैमरो से रखी जा रही है,नजर !! आज शहर में 64 व्यक्तियों को ऑनलाइन चालान काटकर उनके घर भेजे गए हैं, बस स्टैंड लाल गेट चौराहे पर बाइक सवार बिना मास्क लगाए कैमरे में नजर आया तो गाड़ी नंबर को ट्रेस कर उसके घर ऑनलाइन चालान पहुंचाया, जिसे 7 दिनों के भीतर नगर निगम पहुंच ₹200 जमा कराकर रसीद प्राप्त करनी होगी,अन्यथा उनके विरुद्ध महामारी एक्ट,आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।  अब बगैर मास्क सड़कों पर निकलने वाले की तीनों और से होगी घेराबंदी... नगर निगम का अमला चालन काट रहा...उधर पुलिस की टीम ऐसे लोगों को अस्थाई जेल में पहुंचा रही....वही कैमरों से भी रखी जा रही है नजर.. क्योंकि प्रायः देखा गया है पुलिस को देखकर लोग मास्क लगा लेते हैं,अब जहां टीम नहीं खड़ी होगी एवं कैमरे की जद में बिना मास्क वाला आ गया तो भी कार्रवाई से बच नहीं पाएगा...कुल मिलाकर तीनों तरफ से घेराबंदी की जा चुकी है जी हां ये व्यवस्था महांकाल की नगरी उज्जैन में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए की गई है।