देवास में पकड़ी थर्मोकोल से शक्कर बनाने की फैक्ट्री, क्या है सच और झूठ क्या जानिए हकीकत।

 सोशल साइट्स पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि अब थर्माेकोल से बना रहे शक्कर । वायरल वीडियो में एक मशीन दिखाई दे रही है, जिससे थर्मोकोल से शक्कर जैसा दिखने वाला कोई पदार्थ निकलता दिखाई दे रहा है। 

इस विडियो को विगत सप्ताह सोशल साइट्स पर नकली शक्कर से सम्बंधित हेडिंग कैप्शन के साथ शेयर फारवर्ड किया जा रहा है, कोई लिख रहा हैं कि , “सभी सावधान हो जाएं, बाज़ार में बिक रही है, थर्माकाॅल सीट्स से बनी हुई नकली शक्कर, वीडियो देखें।”
तो कोई लिख रहा, “थर्मोकोल के रद्दी टुकड़ों से बनी हुई चीनी खाओ ।। ताकि फ़ूड सेफ्टी विभाग चैन से सोया रहे और लोग बेमौत मरते रहें. हिंदू मुस्लिम करने से बेहतर है कि इन मुद्दों को सोशल मीडिया में उठाओ ताकि आने वाली पीढ़ियां बच सकें ।। क्योंकि धर्म तभी बचेगा जब आप बचोगे ।”
लेकिन इसमें वे यह नहीं बता रहे थे कि विडियो कब का और कहाँ का है, परन्तु विगत दो तीन दिनों से अचानक ही विडियो को उसकी लोकेशन दर्शाते  इस हेडिंग के साथ शेयर किया जाने लगा कि... थर्माकोल से शक्कर निर्माण देवास से पकड़ाया सिंधी भाई, अब बताओ क्या खाना कहा से खाना पहले से तो लोग बीमारियों के कारण कम जीते है अब 20 25 साल भी नही जीने देंगे लगता है ये मिलावट खोर सालो को गोली मारो राधे राधे... 


जब विडियो को देवास लोकेशन के साथ शेयर किया जाने लगा तो हमनें इसकी विस्तृत जानकारी तलाशने का प्रयास किया और तभी इस विडियो की हकीकत सामने आई सर्वप्रथम हमनें हमारे देवास सम्पर्को के द्वारा जानना चाहा कि यह थर्मोकोल से शक्कर बनाने की फैक्ट्री देवास में कहाँ पकड़ी गई और किस थाने या विभाग द्वारा मामला बना कार्यवाही की गई है तो हमें जानकारी दी गई कि देवास में ऐसी कोई फेक्ट्री नहीं पकड़ी गई और न ही किसी थाने में कोई रिपोर्ट दर्ज हो कार्यवाही कि गई है देवास से ऐसी जानकारी के सामने आने के बाद हमने इस विडियो के साथ फैलाये जा रहे भ्रम को दूर करने के लिए जब इंटरनेट पर विडियो की तहकीकात शुरू की तो हमें तकरीबन पंद्रह दिन पहले यू ट्यूब पर पोस्ट किया यह विडियो मिला जिसे यू ट्यूबर मेह चोहान ने थर्मोकोल रिसाइकलिंग प्लांट की न्यूज के रूप में अपलोड किया था, मतलब यह विडियो थर्मोकोल रिसाइकलिंग कैसे की जाती किस मशीन से कि जाती इसके बारें में जानकारी दर्शाता है। 

.. देखिए विडियो 👇क्लिक कर.. 


इतना पता चलने के बाद इस संबंध में जब हमने और जानने के प्रयास किए तो इंटरनेट पर फेक्ट चेक करने वाली कुछ साईटस द्वारा यह जानकारी मिली कि यह विडियो थर्मोकोल रिसाइक्लिंग व्यवसाय से संबंधित ही है और इसे माइक्रो गार्टेक्स इंडस्ट्री द्वारा किस तरह थर्मोकोल रिसाइक्लिंग प्लांट लगाने थर्मोकोल रिसाइकल करने तथा इसका व्यवसाय शुरू कर मुनाफा कमाने के बारे में बताते 19 अक्टूबर, 2020 को यूट्यूब पर अपलोड किया गया था। और सिर्फ थर्मोकोल ही नहीं प्लास्टिक पोली प्रापलिन पोलिथिन जैसे प्रोडक्ट की रिसाइकलिंग के विडियो भी अपलोड है जिनमें प्रोसेस के अंतिम प्रोडक्ट को देख कर नासमझ लोगों को यह भी भ्रम हो सकता कि चावल या मिश्री बनाई जा रही है आपको याद होगा शायद कुछ दिनों पहले ऐसे ही प्लास्टिक के चावल के विडियो वायरल हो रहे थे तब अंतरराष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण नेटवर्क (इन्फोसान) द्वारा जारी किए गए अलर्ट के आधार पर, केरल और गुजरात की राज्य सरकारों ने मामले की जांच कर पुष्टि की थी कि प्लास्टिक से चावल या चीनी बनाए जाने जैसी कोई घटना नहीं हुई है।
मतलब यह स्पष्ट है कि थर्मोकोल से शक्कर बनाने की फैक्ट्री देवास में पकड़ी गई यह भी कोरी अफवाह है जिसे सोशल साइट्स के फोक्टे फारवर्डियों जिन्हें मैं जियो की डिजीटल संतानें कहता के द्वारा धड़ाधड़ फारवर्ड कर भ्रम फैलाने का काम किया जा रहा है...
आपसे निवेदन है कि आप इस विडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर फारवर्ड कर सच्चाई बताने के साथ जियो की डिजीटल संतानों इन फोक्टे फारवर्डियों के नापाक मंसूबे कामयाब नहीं होने दे

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