यू ट्यूब चैनल वेबसाइट और वेब पोर्टल की जानकारी भारत सरकार सूचना और प्रसारण मंत्रालय को गूगल पालिसी अपग्रेडेशन के तहत कैसे दे।

गूगल पालिसी अपग्रेडेशन के अनुसार 5 जनवरी 2022 तक भारत सरकार सूचना और प्रसारण मंत्रालय को न्यूज पोर्टल, न्यूज वेबसाइट एवं यू ट्यूब पर न्यूज चैनल चलाने वालो को डिजीटल मीडिया एथिक्स कोड रूल 2021 की गाईडलाइन के नियम पांच के तहत अपने चैनल और वेबसाइट की जानकारी देनी होगी इस हेतु यू ट्यूब द्वारा यूट्यूबर को ई मेल के माध्यम से भी सूचित किया गया है अपने ई मेल मे यू ट्यूब ने कहा है कि इसके उल्लंघन पर आपके अकाउंट को आंशिक या पूर्ण रूप से टर्मिनेशन करने की कार्रवाई गूगल कर सकता है इसकी एक विस्तृत विडियो रिपोर्ट भी रिपोर्टर एंव रिपोर्ट ने अपने यू ट्यूब चैनल पर पोस्ट की थी आप इस आर्टिकल के आखिरी में दिये लिंक को क्लिक कर देख सकते हैं। 


तो आईये अब हम जानते हैं कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार को अपने न्यूज चैनल और वेबसाइट वेबपोर्टल की जानकारी किस तरह देना है, भारत सरकार सूचना और प्रसारण मंत्रालय के डिजीटल मीडिया प्रभाग के सूचना पत्र क्रमांक  50013/31/2021- डीएम के 

बिन्दु क्रमांक चार के अनुसार डिजीटल मीडिया के प्रकाशकों को मंत्रालय में किसी तरह के पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है उन्हें परिशिष्ट 1 से तीन के अनुसार अपनी जानकारी देना होगी इसी बिन्दु क्रमांक चार मे डिजीटल प्रभाग सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने डिजीटल मीडिया के अलग अलग प्रकार को वर्गीकृत करते हुए उनसे परिशिष्ट एक से तीन  अनुसार जानकारी मांगी है। 

परिशिष्ट 1 अनुसार पारम्परिक मीडिया जो कि टीवी एंव समाचार पत्र में भी समाचार प्रकाशित करते हैं
परिशिष्ट 2 के अनुसार अन्य डिजीटल मीडिया समाचार प्रकाशक तथा,
परिशिष्ट 3 के अनुसार आनलाइन सृजित सामग्री प्रकाशित करने वाले अर्थात किसी अन्य के द्वारा बनाई गई डिजीटल सामग्री का प्रसारण करते हैं मतलब ओटीटी प्लेटफार्म।

सूचना पत्र में परिशिष्ट वर्गीकरण के अनुसार ही प्रोफार्मा भी दिया गया है तो आईये हम परिशिष्ट दो जो कि वेबसाइट वेबपोर्टल यूट्यूब चैनल के प्रकाशकों के लिए है के प्रोफार्मा को देखते है।

परिशिष्ट दो के फ्रोफार्मा अनुसार प्रकाशको से उनकी जानकारी चार बिन्दुओं में मांगी गई है,

बिन्दु क्रमांक एक मूल सूचना जिसमें
शीर्षक का नाम... प्रकाशन की भाषा अथवा भाषाऐ,... वेबसाइट का यूआरएल... मोबाइल एप यदि बना है तो... तथा सोशल मीडिया के अकाउंट।
बिन्दु क्रमांक दो में निकाय संबधी सूचना मांगी गई है जिसमें निकाय का नाम.... पैन नम्बर अगर हो तो.. निगमन की तारीख.... डिजीटल प्रकाशन शुरू करने की तारीख.... के साथ ही कम्पनियों के लिए कम्पनी की पहचान संख्या तथा निदेशक मंडल के बारे में बताना होगा।
बिन्दु क्रमांक तीन भारत में सम्पर्क सूचना के अन्तर्गत सम्पर्क व्यक्ति का नाम तथा पता, फोन एवं मोबाइल नम्बर, तथा ईमेल एड्रेस देना है।
तथा बिन्दु क्रमांक चार शिकायत निवारण तंत्र में शिकायत निवारण अधिकारी का नाम, उस स्वनियामक निकाय का नाम जिसका प्रकाशक सदस्य हैं तथा सम्पादक अथवा सम्पादकों का विवरण।
उक्त जानकारियों मे बदलाव की स्थिति के बारे में प्रोफार्मा में नोट दिया गया है कि बदलाव होने पर 30 दिनों के भीतर सक्षम अधिकारी को सूचित करें।
तो आईये अब जान लेते हैं कि उक्त जानकारी से किसे सूचित करना है।
सूचना प्रसारण मंत्रालय डिजीटल मीडिया प्रभाग के इस पत्र के अनुसार डिजीटली समाचार प्रकाशको की और से अधिकृत व्यक्ति द्वारा यह जानकारी विधिवत हस्ताक्षरित कर पीडीएफ फाईल में ई मेल के माध्यम से भेजना है।
ई मेल आई डी तथा अधिकारियों के नाम जिन्हें यह जानकारी भेजना है तथा उनसे आप किसी भी तरह के संदेह स्पष्टीकरण के लिए सम्पर्क कर सकते हैं जानने के लिए विडियो लिंक पर क्लिक 👇करें



Comments

Popular posts from this blog

मिच्छामि दुक्कडं और खमत खामणा में क्या फर्क है ? क्षमापर्व के लिए कौनसा शब्द उपयुक्त है कृपया विचार करे। एक जैन धर्मावलंबी की फेसबुक अपील।

कोरोना योद्धा कोरोना की चपेट में, 6 डाक्टर, नर्स और पुलिसकर्मी पॉजिटिव, 6 कोरोना ….3 जवान संक्रमित थाने को किया जा रहा सील।

अभ्युदय में चौसठ कलाओं का जीवंत प्रदर्शन करने वाले श्री उमिया पाटीदार स्कूल के मेधावी विद्यार्थी।