एंड्रायड एप की खामी से भारतीय इंजीनियर ने गूगल को किया अलर्ट, गूगल ने दिया लाखों का इनाम

 स्मार्टफोन दुनिया की इतनी बड़ी घटना जिसकी आपको भनक तक नहीं लगी और दुनियाभर के मोबाइल चलाने वाले संभावित खतरे से बच गये


आपको जानकर हैरानी होगी कि आप अपने मोबाइल में गूगल के जिस एंड्रॉयड आपरेटिंग सिस्टम का उपयोग कर रहे हैं उसकी बहुत ही बड़ी कमी को एक भारतीय इंजीनियर ने पकड़ा और गूगल को बता दूर करने के साथ आपको बहुत बड़े खतरे से सुरक्षित बचा लिया और इंटरनेट और साफ्टवेयर दुनिया की इतनी बड़ी घटना की आपको भनक तक नहीं लगी। 

गूगल के सर्वाधिक लोकप्रिय आपरेटिंग सिस्टम एंड्रॉयड की बहुत बड़ी और यूजर के लिए खतरनाक खामी, कि किसी भी मोबाइल फोन में एंड्रॉयड एप को बगैर बैकग्राउंड प्रोसेस डिटेक्शन किये रन किया जा सकता है को भारत के एक नौजवान सिक्योरिटी इंजीनियर ने डिटेक्ट कर गूगल को इसकी सूचना दे सतर्क किया गूगल ने भारत के इस नौजवान साफ्टवेयर इंजीनियर की इतनी महत्वपूर्ण सूचना को तुरंत संज्ञान में लिया और इसके लिए गूगल ने उन्हें लाखों रुपये का इनाम भी दिया। 

मोबाइलधारको में सर्वाधिक लोकप्रिय और सबसे ज्यादा उपयोग किए जाने वाले तथा पूर्णतः सुरक्षित समझे जाने वाले ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्रॉयड एप की इतनी बड़ी खामी को बता कर भारत के इस नौजवान इंजिनियर ने हम सभी एंड्रॉयड यूजर को एक और जहां बहुत बडे नुकसान की आशंका से सुरक्षित किया वहीं गूगल की प्रतिष्ठा को बचाने के साथ हम सभी भारतीयों को भी गर्व करने का मौका दिया।
दुनिया भर में सर्वाधिक लोकप्रिय आपरेटिंग सिस्टम एंड्रॉयड की इतनी बड़ी खामी को खोजने वाले यह भारतीय साफ्टवेयर इंजीनियर हैं असम के रोनी दास, रोनी ने एंड्रायड कि जिस खामी को पकड़ा सामान्य तौर पर यूजर को इस बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं होती, "इसमें बैंकिंग मैलवेयर और हैकर्स, यूजर के डेटा को हैक कर सकते थे।"

देखिए विडियो यहां 👇क्लिक कर 


इस साल मई में जब रोनी दास एंड्रायड में आ रही कुछ दिक्कत को दूर करने के लिए एक सॉफ्टवेयर बना रहे थे तब उन्हें एंड्रायड आपरेटिंग सिस्टम की इस बहुत बड़ी खामी का पता चला और तुरंत उन्होंने इस बग के बारे में गूगल की एंड्राइड फोरग्रॉउंड सर्विसेज (Android Foreground Services) को इसकी रिपोर्ट कर गूगल को अलर्ट कर दिया था। गूगल ने रोनी की बात को बहुत गंभीरता से लिया और इस खामी को खोजने के लिए उन्हें 5000 डॉलर अर्थात करीब साढ़े तीन लाख रुपये का इनाम दिया।
बता दें कि रोनी की रुचि शुरू से ही सिक्योरिटी रिसर्च में रही है वो अभी सिक्योरिटी इंजीनियर के तौर पर ही काम कर रहे हैं और अपने आप को सेल्फ लर्नर बताते हैं। उन्हें शुरुआत से ही ये फील्ड पसंद था 2015 में वो जब बारहवीं कक्षा में थे तब ही उन्होंने गौहाटी यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में सिक्योरिटी खामी को खोजा था।
यह कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि आज एंड्रॉयड दुनिया का सबसे लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसे स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं द्वारा सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है वही आजकल इसका उपयोग कुछ स्मार्ट टीवी इत्यादि मे भी किया जा रहा है।
ज्ञात हो कि गूगल ने एंड्रॉयड आपरेटिंग सिस्टम का पहला वर्जन सन 2007 में सुंदर पिचाई की देख रेख में ओपन हेंडसेट अलायंस के साथ डेवेलप कर लांच किया था, उसके बाद सुरक्षा और सरलता को लेकर इसमे एक एक कर कई सुधार कर नए नए वर्ज़न लांच किये गये, दास के मुताबिक, उन्होंने जिस खामी का पता लगाकर गूगल को जानकारी दी अगर इसके बारे में हैकर्स को भनक लग जाती तो वे इसका गलत फायदा उठा सकते थे, ये इतना गंभीर है कि हैकर्स बिना आपकी जानकारी और नोटिफिकेशन के कैमरा, माइक्रोन और लोकेशन को बैकग्राउंड में एक्सेस कर सकते थे। जब उन्होंने गूगल को इस बारे में बताया तो कंपनी लगातार दास के संपर्क में बनी रही रोनी दास के अनुसार आने वाले एंड्राइड वर्जन में इस बग को फिक्स कर लिया गया है।



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