सासंद का गुस्सा जताने का नायाब तरीका, शर्मसार अधिकारी, वरिष्ठ ने तत्काल प्रभाव से हटाया।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर सरकारी अस्पताल में मरीजों को फल वितरण करने क्षेत्रीय सांसद अपने कार्यकर्ताओं के साथ सुबह 10 बजे जब अस्पताल पहुंचे तो अस्पताल में उन्हें कोई भी डाक्टर अथवा जवाबदार कर्मचारी उपस्थित नहीं मिला ज वनबकि उन्हें सासंद महोदय के इस कार्यक्रम के बारे में पूर्व में ही सूचना दे दी गई थी लेकिन अस्पताल में फिर भी कोई जवाबदार स्टाफ या डाक्टर उन्हें नहीं मिला।
सासंद महोदय अस्पताल में आ चुके हैं इसकी जानकारी के कुछ देर पश्चात अस्पताल के प्रभारी डाक्टर पहुंचे तो सांसद ने अस्पताल में समय पर नहीं आने वाले डॉक्टरों एवं अन्य स्टाफ के लिए उनसे न कोई शिकवा शिकायत की और न ही कुछ कहा तथा न ही उनकी भी लापरवाही पर नाराज हुए बल्कि तीन बार झुककर प्रभारी डॉक्टर साहब को प्रणाम किया और उनसे एक शब्द भी बोले बगैर वहां से चल दिए। भले ही सांसद ने देर से आने वाले डॉक्टर को कुछ न कहा हो, लेकिन उन्होंने उन्हें तीन बार प्रणाम कर बिना कुछ कहे ही बहुत कुछ कह दिया, उम्मीद है डॉक्टर साहब पूरा माजरा समझ गए। इधर सासंद महोदय अपने निर्धारित कार्यक्रम अनुसार अस्पताल में मरीजों को फल वितरित कर चले गए उधर सीएमएचओ ने अस्पताल के प्रभारी डॉक्टर को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश जारी कर दिया।
अब देखना यह है कि सासंद महोदय के इस तरीके से बाकी सरकारी कर्मचारियों में कुछ सुधार आता है अथवा सरकारी दामाद के नाम से आम जन में बदनाम हो चुके ये लापरवाह बेशरम कर्मचारी अपनी सरकारी नौकरी का दुरूपयोग करते इसी तरह से अपने लापरवाही पूर्ण लेटलतीफी की बेशर्म आदत पर कायम रहेंगे।
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