आनंद गिरि को पहले भी गिरफ़्तार किया गया था, दो महिलाओं के साथ अभद्रता का आरोप लगा था।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत मामले में उनके शिष्य आनंद गिरी को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यूपी पुलिस रात 10 बजे हरिद्वार पंहुची और करीब डेढ़ घंटे की पूछताछ के बाद आनंद गिरी को गिरफ्तार किया जानकारी के मुताबिक हरिद्वार पहुंचने वाली यू पी पुलिस टीम मे सहारनपुर पुलिस और एसओजी की टीम शामिल थी।
बता दें कि यूपी पुलिस द्वारा आनंद गिरी की यह गिरफ्तारी देश में पहली बार है परन्तु दो वर्ष पूर्व मई 2019 में उनको ऑस्ट्रेलिया में महिलाओं से अभद्रता के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था. आनंद गिरि पर आरोप था कि उन्हें दो महिलाओं ने पूजा के लिए बुलाया था और उसी दौरान उन्होंने उन पर हमला किया था। बीबीसी के अनुसार समाचार एजेंसी पीटीआई ने ख़बर जारी करते बताया था कि सिडनी पुलिस ने कहा कि आनंद गिरि ने दो अलग-अलग मौक़ों पर महिलाओं के साथ अभद्रता की थी, आनंद गिरि की गिफ़्तारी की पूरी जानकारी स्पेशल ब्रॉडकास्ट सर्विस यानी एसबीएस ने भी प्रकाशित की थी. छह हफ़्ते की आध्यात्मिक यात्रा के बाद आनंद गिरि ऑस्ट्रेलिया से निकलने वाले थे, तभी उन्हें वहां सिडनी पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया था। उस वक्त ऑस्ट्रेलिया में न्यू साउथ वेल्स पुलिस ने बताया था कि आनंद गिरि रूटी हिल के एक घर में 2016 में नए साल पर हिन्दू पूजा में शामिल हुए थे और वहीं उनकी 29 साल की एक महिला से मुलाक़ात हुई थी उसी दौरान उन्होंने बेडरूम में महिला पर हमला किया था. पुलिस ने अपने बयान में बताया था कि आनंद गिरि ने बेडरूम में महिला के साथ अभद्रता की थी।
इसके अलावा, 2018 का एक और मामला है उसमें भी आनंद गिरि पूजा में शामिल होने आए थे और उन पर 34 साल की एक महिला के साथ अभद्रता का आरोप था यह वाकया भी रूटी हिल का ही है। इन मामलो की जाँच का आदेश दिया गया था तथा और महिलाओं के साथ अनुचित व्यवहार के खतरे की आशंका के चलते आनंद गिरी को पुलिस हिरासत में ही रखने के आदेश के कारण ज़मानत नहीं दी गई थी, आनंद गिरि तब भारत समेत कई देशों में आध्यात्म तथा योग क्लास लेते थे उस वक़्त आनंद गिरि योग तंत्र में पीएचडी कर रहे थे, पुलिस ने बताया था कि दोनों शिकायतकर्ता 'योगी' की परिचित थी, 26 जून को आनंद गिरि को एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया था।
11 सितंबर 2019 को अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने ऑस्ट्रेलिया में आनंद गिरि को ज़मानत मिलने की पुष्टि की थी. नरेंद्र गिरि ने अपने बयान में कहा था कि आनंद पर आरोप बेबुनियाद थे, नरेंद्र गिरी के बयान के मुताबिक सिडनी पुलिस ने अपनी जाँच के बाद अदालत को बताया था कि आनंद गिरि के ख़िलाफ़ आरोप झूठे थे उन्होंने कहा था कि पुलिस की जाँच के बाद कोर्ट ने आनंद गिरि को रिहा कर दिया था और उनके ज़ब्त किए गए पासपोर्ट को वापस कर दिया था हालांकि कोर्ट ने उन्हें तब ऑस्ट्रेलिया नहीं छोड़ने का भी आदेश दिया था।


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