अक्टूबर में कोरोना की तथाकथित तीसरी लहर संभावित, 40 एक्सपर्ट्स की चेतावनी, भारत में कम से कम एक साल तक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा, सरकारें व प्रशासन अलर्ट मोड में।
कोरोना वायरस की तथाकथित दूसरी लहर ने देश में पिछले दिनों काफी तबाही मचाई थी तकरीबन तीन करोड़ लोगों को इसने अपनी चपेट में लेते हुए मृतकों की संख्या को चार लाख तक पहुंचा दिया था, अभी इस दूसरी लहर का तरह से खात्मा भी नहीं हुआ है कि एक्सपर्ट्स ने तथाकथित तीसरी लहर के लिए चेतावनी दे दी. एक्सपर्ट्स का कहना है कि तीन महीने के बाद देश में कोरोना की तीसरी लहर के सक्रिय होने की आंशका है।
विशेषज्ञों की राय को माने तो अक्टूबर तक भारत में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है हालांकि इसके लिए बेहतर तैयारी है। लेकिन, महामारी कम से कम एक और वर्ष के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा बनी रहेगी। मेडिकल एक्सपर्ट्स के रॉयटर्स पोल में यह बात कही गई है।
इस सर्वे में दुनियाभर के 40 हेल्थ स्पेशलिस्ट, डॉक्टरों, वैज्ञानिकों, वायरोलॉजिस्ट, महामारी विज्ञानियों और प्रोफेसरों को शामिल किया गया। इनसे 3-17 जून के बीच प्रतिक्रिया ली गई। इससे पता चलता है कि वैक्सीनेशन में तेजी नए प्रकोप से कुछ हद तक बचाव करेगी।अनुमान जाहिर करने वालों में से 85 फीसदी से अधिक यानी 24 में से 21 ने कहा कि अगली लहर अक्टूबर तक आएगी। इनमें से तीन ने अगस्त की शुरुआत और 12 ने सितंबर में इसके आने की भविष्यवाणी की। बाकी तीन ने नवंबर से फरवरी के बीच इसके आने की बात कही।
हालांकि, 70 फीसदी से ज्यादा विशेषज्ञों यानी 34 में से 24 ने कहा कि किसी भी नए प्रकोप को अभी की तुलना में बेहतर ढंग से काबू किया जाएगा। मौजूदा लहर कहीं ज्यादा विनाशकारी रही है। इस दौरान वैक्सीन, दवाओं, ऑक्सिजन और हॉस्पिटल बेड की कमी देखने को मिली। पहली लहर के मुकाबले यह ज्यादा लंबी भी रही है।
एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है, ‘नई लहर पर ज्यादा नियंत्रण होगा। इसके आने तक काफी लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका होगा। दूसरी लहर से भी कुछ हद तक नेचुरल इम्यूनिटी मिलेगी।’
ज्यादातर हेल्थ एक्सपर्ट्स ने जहां भविष्यवाणी की थी कि इस साल वैक्सीनेशन अभियान में काफी तेजी आएगी। वहीं, उन्होंने बंदिशों को जल्दी हटाने के प्रति आगाह किया था। कुछ राज्यों ने कोरोना को लेकर प्रतिबंधों में ढील दी है।
यह पूछे जाने पर कि क्या बच्चों और 18 साल से कम उम्र के लोगों को संभावित तीसरी लहर में सबसे अधिक जोखिम होगा, तो लगभग दो-तिहाई विशेषज्ञों यानी 40 में से 26 ने इसका जवाब ‘हां’ में दिया।
हालांकि, इस पर विशेषज्ञों की राय बंटी हुई है। 14 विशेषज्ञों ने कहा कि बच्चों को जोखिम नहीं है। इस सप्ताह की शुरुआत में स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि बच्चे संक्रमण के प्रति संवेदनशील होते हैं। लेकिन, विश्लेषणों से पता चलता है कि स्वास्थ्य पर असर गंभीर नहीं होता है।
38 में से 25 विशेषज्ञों ने कहा कि भविष्य के कोरोना वैरिएंट मौजूदा वैक्सीनों को बेअर नहीं बना पाएंगे। वहीं, एक अलग सवाल के जवाब में 41 में से 30 विशेषज्ञों ने कहा कि कोरोना भारत में कम से कम एक साल तक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा बना रहेगा।
11 विशेषज्ञों ने कहा कि खतरा एक साल से कम समय तक रहेगा। वहीं, 15 ने कहा कि यह दो साल से कम, जबकि 13 ने कहा कि यह दो साल से अधिक समय तक रहेगा। दो ने कहा कि जोखिम कभी दूर नहीं होंगे।
कोरोना की तीसरी लहर को लेकर सरकारें व प्रशासन अलर्ट मोड में हैं, महाराष्ट्र टास्क फोर्स ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी जारी की है. उन्होंने कहा कि अगर नियमों का पालन नहीं किया गया तो दो से चार हफ्तों के भीतर ही महाराष्ट्र में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है।
कोरोना एहतियात तैयारियों पर
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा आयोजित समीक्षा बैठक में फोर्स ने कहा कि
तीसरी लहर में कोरोना के एक्टिव मामले 8-10 लाख तक पहुंच सकते हैं, ऐसे में
कोरोना के नियमों का सख्ती से पालन करना अनिवार्य है, वरना राज्य में
तीसरी लहर दस्तक दे सकती है.

बहुत अच्छी जानकारी शुक्रिया धन्यवाद🌹🙏🏻🌹
ReplyDelete