उज्जैन के सभी घाटों पर उत्तर विधान कार्य बंद। कोरोना के डर से उत्तर विधान कार्यो से वंचित अतृप्त मृतात्मा...

पहले अंतिम संस्कार हेतु मृतदेह मिलने की अनिश्चितता... फिर विशुद्ध दाह संस्कार को तरसती देह.. और अब उत्तर विधान कार्य से वचिंत अतृप्त मृत आत्मा...
पंडित पंडे कोई अमृत पीकर पैदा नहीं हुए हैं नहीं वे अष्ट चिरंजीवी में से कोई एक है।

 

श्री क्षेत्र पंडा समिति उज्जैनी के अध्यक्ष पंडित राजेश त्रिवेदी के ग्रुप मैसेज के अनुसार शासन के आगामी निर्णय तक उज्जैन में शनि मंदिर से लेकर कालिया देह महल तक शिप्रा के किसी भी घाट पर कोईभी भी उत्तर विधान कर्म नहीं कराया जाएगा।
पंडित राजेश त्रिवेदी के मैसेज के अनुसार, कोरोना महामारी का प्रकोप निरंतर बढ़ता जा रहा है जैसा कि पूर्व में आप लोगों से चर्चा हुई थी इसके अतिरिक्त मोबाइल पर भी मेरी चर्चा साथियों से हुई है अधिकांश का यह कहना था हमारे हित में समाज के हित में उज्जैन शहर के हित में अभी इस कार्य को हमें रोकना चाहिए हम अमृत पीकर पैदा नहीं हुए हैं नहीं हम अष्ट चिरंजीवी में से कोई एक है इसलिए आप सभी की स्वीकृति के बाद आज ही निर्णय लिया है कि शासन के आगामी निर्णय तक हम उज्जैन में शनि मंदिर से लेकर कालिया दे महल तक शिप्रा के किसी भी घाट पर कोईभी भी उत्तर विधान कर्म नहीं कराएगा।
उपरोक्त जानकारी आज प्रशासनिक अधिकारियों से हुई चर्चा के बाद उन्हें भी दे दी गई है आगे जो भी तीर्थ पुरोहित गण कहीं भी कार्य कराएंगे तो उसके जिम्मेदार वह स्वयं है।

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