ससंद में अपनी चुटीली भाषण शैली से पूरे देश में छाये पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह का कोरोना से निधन।
पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह का निधन, कोरोना पाजेटिव मिलने के बाद पटना से गंभीर हालत में एम्स लाया गया था। लालूप्रसाद के विश्वसनीय साथी थे, परन्तु विगत दिनों आरजेडी छोड़ दी। लालू ने विगत रात्रि कहीं नहीं जाने को कहा था परन्तु क्या किया जाए बुलावा ऊपर से आ गया। संसद में दिए गए उनके भाषण, तीखी नोकझोंक, हंसी-ठठे से भी बढकर बिहार के विकास व जनसेवा के प्रति उनके जज्बे को भुलाया नहीं जा सकता।
रघुवंश प्रसाद सिंह ने बीते दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर बिहार को लेकर कई मांगें कीं थीं. मसलन, 15 अगस्त को मुख्यमंत्री पटना में और राज्यपाल विश्व के प्रथम गणतंत्र वैशाली में राष्ट्रध्वज फहराएं. इसी प्रकार 26 जनवरी को राज्यपाल पटना में और मुख्यमंत्री वैशाली गढ़ के मैदान में राष्ट्रध्वज फहराएं. उन्होंने मुख्यमंत्री को 26 जनवरी, 2021 को वैशाली में राष्ट्रध्वज फहराने की मांग की थी.
यही नहीं रघुवंश प्रसाद चाहते थे कि भगवान बुद्ध के पवित्र भिक्षापात्र को अफगानिस्तान के काबुल से वैशाली लाया जाए इसकी भी उन्होंने मांग की थी. वहीं उन्होंने वैशाली के सभी तालाबों को जल-जीवन-हरियाली अभियान से जोड़ने का आग्रह किया था. गांधी सेतु पर गेट बनाने और उसपर 'विश्व का पहला गणतंत्र वैशाली' लिखने का आग्रह किया था.
रघुवंश प्रसाद सिंह जी ने सीएम को लिखा था कि , मनरेगा कानून में सरकारी और एससी-एसटी की जमीन में काम का प्रबंध है, उस खंड में आम किसानों की जमीन में भी काम होगा, जोड़ दिया जाए. इस आशय का अध्यादेश तुरंत लागू कर आने वाले आचार संहिता से बचा जाए।


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