वरिष्ट आईपीएस अधिकारी मधुकुमार बाबू पुलिस अफसरों से लिफाफे लेते पकडाये, वीडियो वायरल होने पर सरकार ने परिवहन आयुक्त के पद से हटा दिया ।
भोपाल। आईपीएस अधिकारी वी मधु कुमार द्वारा पुलिस अधिकारियों से लिफाफे लेकर सूटकेस में रखे जाने से जुड़ा हुआ वीडियो वायरल होते ही देर रात सरकार ने परिवहन आयुक्त पद से हटा दिया है परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने मामले की विडियो क्लिप सहित जांच के निर्देश दिये हैं,
मधु कुमार बाबू पुलिस महा निरीक्षक IG के पद पर जब उज्जैन में पदस्थ थे उसी काल का ये विडियो बताया जा रहा है संभवत 2015 से 18 के दौरान।
बता दें कि सोशल मीडिया पर ये वीडियो शनिवार से वायरल हो रहा है। उसके बाद आईपीएस वी मधुकुमार की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। व्ही. मधुकुमार अभी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के रूप में भोपाल में पदस्थ थे। वीडियो सामने आने के बाद शिवराज सरकार एक्शन में आ गई है। सरकार ने देर रात उनके ऊपर कार्रवाई करते हुए हटा दिया । उन्हें पुलिस मुख्यालय में अटैच एडीजी के पद पर पदस्थ कर दिया गया है।
मधु कुमार बाबू पुलिस महा निरीक्षक IG के पद पर जब उज्जैन में पदस्थ थे उसी काल का ये विडियो बताया जा रहा है संभवत 2015 से 18 के दौरान।
उज्जैन झोन के आगर जिले के रेस्ट हाउस में रिकार्ड किया गया था यह विडियो जिसमें तात्कालिन आई जी उज्जैन विभिन्न अधिकारियों से लिफाफे लेकर उस पर कुछ लिखने के बाद अपने ब्रीफकेस में रख रहे हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा मध्यप्रदेश डीजी विवेक जौहरी को इस पूरे मामले की जांच के साथ दोषियों पर कार्रवाई करने के सख्त आदेश दे दिए हैं।
1991 बैच के आईपीएस अधिकारी और उज्जैन के तत्कालीन आईजी वी मधुकुमार (IPS V Madhukumar) का बताते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। वायरल वीडियो में आईपीएस अधिकारी एक लिफाफा लेते हुए दिखाई दे रहे हैं। हालांकि वायरल विडियो की पुष्टि नहीं हुई है फिर भी देर रात उनके ऊपर कार्रवाई हुई और शिवराज सरकार ने उन्हें ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के पद से हटा दिया है। उन लिफाफों में क्या था, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है।विडियो देखने के लिए यहां 👇 क्लिक करें
विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि वीडियो 4 साल पुराना है। 2016 में वी मधुकुमार उज्जैन आईजी के रूप में पदस्थ थे। यह वीडियो आगर मालवा सर्किट हाउस का है। हालांकि इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि अभी किसी ने नहीं की है। वायरल वीडियो में वी मधुकुमार को पुलिस अधिकारी लिफाफे देते हैं वे लिफाफो पर कुछ लिखकर अपने ब्रीफकेस में रखते जाते हैं। अपुष्ट खबरों के मुताबिक तात्कालिन एडीजी मधुकुमार का यह वीडियों एक पुलिस इंस्पेक्टर और एक पत्रकार ने मिल कर तैयार किया था और उस तथाकथित पत्रकार ने मधुकुमार बाबू से इस वीडियो का प्रतिमाह शुल्क वसूलना शुरू कर दिया था। हालांकि ये खबर पत्रकार बिरादरी और सोशल साइट्स तथा पत्रकारों के व्हाट्सएप ग्रुपों में चर्चा का मुख्य मुद्दा बनी हुई है परन्तु कन्फर्म नहीं हुई है परन्तु कहते हैं ना कि धुंआ उठा तो कहीं आग जरूर होगी एक दो दिन में हकीकत सामने आ ही जाएगी।


Comments
Post a Comment