अयोध्या राम मंदिर - 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे अयोध्या राम मंदिर का भूमि पूजन। 3 अगस्त व 5 अगस्त दी गई थी तारीख। 5 अगस्त पर पीएमओ ने लगाई मुहर।

प्रधानमंत्री मोदी 5 अगस्त को अयोध्या जाकर राम मंदिर का भूमि पूजन करेंगे. 5 अगस्त को ही गत वर्ष धारा 370 को हटाया गया था।
अयोध्‍या में राम मंदिर के लिए भूमि पूजन 5 अगस्‍त को होगा। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से प्रधानमंत्री कार्यालय को 3 और 5 अगस्‍त की तारीख भेजी गई थी। पीएमओ ने 5 अगस्‍त पर स्वीकृति दी है । रिपोर्ट्स के मुताबिक, खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस भूमि पूजन में शामिल होने वाले है, शनिवार को मंदिर ट्रस्‍ट की बैठक के बाद दो तारीखें तय की गई थीं। सर्किट हाउस में हुई बैठक में चंपत राय के अलावा अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी, कामेश्वर चौपाल, नृत्यगोपाल दास, गोविंद देव गिरी महाराज और दिनेंद्र दास समेत दूसरे ट्रस्टी मौजूद रहे।

सभी चाहते थे भूमि पूजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हो -
ट्रस्‍टी नृत्यगोपाल दास ने पीएम मोदी से भूमि पूजन में शामिल होने का निवेदन किया था। रामलला मंदिर के प्रधान पुजारी सत्येंद्र दास मांग करते रहे थे कि ट्रस्ट की बैठक में पीएम का कार्यक्रम तय किया जाए, जिससे मंदिर का निर्माण जल्द शुरू हो सके। वहीं जगद्गुरू राम दिनेशाचार्य ने कहा कि संत चाहते हैं कि पीएम मंदिर निर्माण जल्द शुरू करवाएं। दूसरी ओर, बाबरी मंस्जिद के पक्षकार रहे इक़बाल अंसारी ने भी कहा कि वे पीएम मोदी का अयोध्या में स्वागत करना चाहते हैं।
बता दें कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की शनिवार को हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगस्त के पहले हफ़्ते की 2 तारीखें दी गई थी. अब 5 अगस्त को पूर्णिमा के दिन भूमि पूजन किया जाएगा.
यूपी के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम अगस्त के पहले हफ़्ते से शुरू हो जाएगा. राम मंदिर के भूमि पूजन की तारीख 5 अगस्त को तय हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर का भूमि पूजन करेंगे. कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए इस कार्यक्रम में सीमित लोग ही शामिल हो पाएंगे.
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि अगर परिस्थितियां सही रहीं तो तीन या साढ़े तीन साल में मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा. उन्होंने कहा कि धन संग्रह और बाकी की ड्रॉइंग तैयार हो जाएंगी, तब से हम मानते हैं कि तीन से साढ़े तीन साल में मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा. समतलीकरण का काम लगभग पूरा हो गया है.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की बैठक में विश्व हिंदू परिषद के प्रस्तावित मॉडल में हल्का बदलाव करने पर भी सहमति बनी है. पहले के मॉडल में गर्भ गृह के मुख्य शिखर के अलावा 2 मंडप (गुम्बद नुमा आकार) मौजूद थे। पहले प्रस्तावित मॉडल की ऊंचाई 138 फुट थी, जिसको बढ़ाकर 161 फुट करने पर सहमति बनी है.
वीएचपी के मॉडल के मुताबिक पहले ऊंचाई 138 फुट, लंबाई 268 फुट और चौड़ाई 140 फुट होनी थी. अब लंबाई लगभग उतनी ही रहेगी लेकिन ऊंचाई 161 फुट और चौड़ाई गर्भ गृह के पास कुछ बढ़ जाएगी।



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