नई विज्ञापन निति 1 अगस्त से प्रभावी, सूचना प्रसारण मंत्रालय के ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन’ (BOC) ने अखबारो की एडवर्टाइजमेंट पॉलिसी पेश की है। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) के विज्ञापन की दर डेढ़ गुना ज्यादा होंगी। लगातार तीन वर्ष अखबार का प्रकाशन जरूरी।
नई दिल्ली। सूचना प्रसारण मंत्रालय के तहत आने वाले ‘ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन’ (BOC) ने प्रिंट मीडिया एडवर्टाइजमेंट पॉलिसी पेश की है, सरकारी विज्ञापन प्राप्त करने के इच्छुक पब्लिकेशंस के आवेदनों पर विचार करने के लिए एक पैनल सलाहकार समिति (PAC) होगी। इन गाइडलाइंस में पब्लिकेशंस के लिए सरकारी विज्ञापन प्राप्त करने के लिए कुछ मापदंड भी तय किए गए हैं।
ये एक अगस्त से प्रभावी होगी। इस बारे में जारी गाइडलाइंस में कहा गया है कि सरकार के सभी मंत्रालय या विभाग, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, स्वायत्त निकाय और सोसायटीज, केंद्रीय विश्वविद्यालय और भारत सरकार के सभी शैक्षणिक संस्थान अपने डिस्पले विज्ञापनों को ‘ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन’ के माध्यम से देंगे।गाइडलाइंस में कहा गया है कि जिन समाचार पत्रों का सर्कुलेशन ABC (ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन)/ RNI (रजिस्ट्रार ऑफ न्यूजपेपर्स फॉर इंडिया) से सत्यापित होता है और जो जारी विज्ञापनों में पारदर्शिता व जवाबदेही लाते हैं, उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए बीओसी कुछ तय मानदंडों के आधार पर एक मार्किंग सिस्टम का सहारा लेगी। इसके बाद अखबार द्वारा प्राप्त किए गए मार्क्स के आधार पर मध्यम और बड़ी कैटेगरी के लिए विज्ञापन जारी करेगी।
हालांकि, वे क्लासीफाइड विज्ञापन जैसे (टेंडर नोटिस, नीलामी सूचना, भर्ती विज्ञापन आदि) बीओसी से सूचीबद्ध पब्लिकेशंस को बीओसी की दरों पर जारी कर सकते हैं और भर्ती संबंधी अपने विज्ञापन सीधे रोजगार समाचार (Employment News) में बीओसी की दरों पर पब्लिश करा सकते हैं। इनके अनुसार, पब्लिकेशन को कम से कम 36 महीने तक बिना रुकावट के नियमित रूप से पब्लिश होना चाहिए। हालांकि, 36 महीनों के अनिवार्य निर्बाध और नियमित प्रकाशन की अवधि के मामले में कुछ श्रेणियों के लिए 6 महीने तक छूट दी जा सकती है।महारत्न और नवरत्न सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (PSUs) के लिए विज्ञापन की दरें बीओसी की सामान्य दरों से डेढ़ गुना होंगी। दरों में संशोधन के बाद से यह तीन साल के लिए वैध होंगी।


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