कोरोना मरीज को क्वारंटाइन और आइसोलेशन की जरूरत नहीं, एक से दूसरे व्यक्ति मे नही फैलता, WHO विशेषज्ञ मारिया वान केरखोव ने न्यूज़मैक्स के प्रोग्राम ग्रेस कैली रिपोर्ट्स में कहा।
WHO ने पूरी 🌍 दुनिया का बेडा गर्क कर आर्थिक स्थिति खराब करने के बाद पूरी तरह से... U... टर्न ले लिया है..... और कहा है कि... कोरोना के मरीज़ को न तो आइसोलेट होने की ज़रूरत है ना हीं क्वारंटाइन होने की, ना सोशल डिस्टन्सिंग की.... और ये एक मरीज़ से दूसरे में ट्रांसमिट भी नहीं हो सकता....
इस बीमारी के गैर लाक्षणिक फैलाव के बारे में उनके पास अभी पर्याप्त डाटा नहीं है क्योंकि कई देशों के वैज्ञानिक कोविड-19 के गैर लाक्षणिक रूप में फैलने की तीव्रता का निर्धारण करने की प्रक्रिया के अभी भी अन्वेषण दौर में ही है।
वान केराखोव ने कहा, "हम जिस ट्रांसमिशन के बारे में जानते हैं, वह यह है कि जिन लोगों में लक्षण होते हैं, वे संक्रामक बूंदों के माध्यम से वायरस को अन्य लोगों तक पहुंचाते हैं।" लेकिन ऐसे लोगों का एक उपसमूह है जो लक्षणों को विकसित नहीं करता हैं, और यह समझने के लिए कि कितने लोगों में यह लक्षण नहीं हैं, हम वास्तव में अभी तक इसका जवाब नहीं दे सकते हैं।
डब्ल्यूएचओ प्रतिनिधि ने कहा कि वास्तव में नए कोरोना वायरस का गैर लाक्षणिक फैलाव अत्यंत ही दुर्लभ है।
Newsmax TV के चर्चित प्रोग्राम ग्रेस कैली रिपोर्ट्स शो के बाद सोशल साइट्स फेसबुक ट्विटर पर इस तरह धड़ाधड़ पोस्टे होने लगी, WHO पर यूजर का आक्रोश झलकने लगा बवाल सा मच गया, इन्टरनेशनल मीडिया में, वेबसाइटो, वेबपोर्टलो, न्यूज चैनल पर बस यहीं बहस इन्टरनेशनल मीडिया में।
भारतीय न्यूज चैनलों की तो बात करना बेमानी है उनमें से अधिकांश को तो कुत्ते बिल्लियों की तरह लडते झगडते, हाथ पैर मुहं नाक कान हिलाते आमत्रितों के साथ दुर्व्यवहार से फुर्सत मिले तब तो वे ठोस जनहित मुद्दे की बात कर स्वच्छ पत्रकारिता की और ध्यान देंवे, इसमें भी बाबा की दवाई आ जाए तो फिर 2000 के नोटो के जैसे ही कोरोना वायरस में भी इलेक्ट्रॉनिक चिप लग जावे, हां कुछेक भारतीय मीडिया हाउसेस ने अपने वेबपोर्टलो पर इस रिपोर्ट को फेक्ट चेक के रूप में जरूर पोस्ट कर इसकी सत्यता स्वीकार करते इस पर सही होने की मुहर लगा इस मुद्दे की इतिश्री कर दी ना स्पेशल डिबेट न कोई स्पेशल प्रोग्राम। महामारी कोरोना के संक्रमण से फैलने की शंका पर इस तरह के खुलासे की शुरुआत अमेरिकन टीवी चैनल न्यूज़मैक्स पर डब्ल्यूएचओ प्रतिनिधि ने एकदम अप्रत्याशित रूप से यू टर्न लेते हुए कि, उन्होंने उस प्रोग्राम में कहा कि कोरोना वायरस से पीड़ित गैर लाक्षणिक मरीज को आइसोलेशन में रहने की आवश्यकता ही नहीं है।
डब्ल्यूएचओ की तकनीकी विशेषज्ञ मारिया वॉन करखोव का कहना है कि "हमारे पास उपलब्ध डाटा के अनुसार ऐसा बहुत ही दुर्लभ प्रतीत होता है कि कोरोना रोग का गैर लाक्षणिक मरीज आगे किसी अन्य व्यक्ति को इस रोग का संचरण करता हो । न्यूज़मैक्स के प्रोग्राम ग्रेस कैली रिपोर्ट्स की यह क्लिप जबरदस्त रूप से वायरल हो रही है। आप भी सुनिये WHO की विशेषज्ञ को...... इस लिंक पर क्लिक कर..👇....
https://youtu.be/rBh8P831dTg
डब्ल्यूएचओ की विशेषज्ञ की यह क्लिप एवं उसके आगे की टीवी चर्चा दरअसल न्यूज़ मैक्स टीवी पर एक प्रोग्राम " ग्रेस कैली रिपोर्ट्स " का एक हिस्सा थी, प्रोग्राम के एंकर भी इस आश्चर्यजनक कथन को सुनकर हतप्रभ रह गये, आश्चर्य की बात तो यह है कि उनका यह यू-टर्न वाला कथन सारे विश्व की अर्थव्यवस्था को ध्वस्त करने के बाद आया है शायद इसलिए कि अब वे इस निष्कर्ष के करीब पहुंचे हो, हालांकि इसमें करखोव ने यह भी कहा कि यह डाटा प्राप्त होने के बाद भी हम कई देशों से कुछ और जानकारियां जुटा रहे हैं। इस बीमारी के गैर लाक्षणिक फैलाव के बारे में उनके पास अभी पर्याप्त डाटा नहीं है क्योंकि कई देशों के वैज्ञानिक कोविड-19 के गैर लाक्षणिक रूप में फैलने की तीव्रता का निर्धारण करने की प्रक्रिया के अभी भी अन्वेषण दौर में ही है।
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों का कहना है कि कोविद -19 वाले सभी लोगों में से 35 प्रतिशत स्पर्शोन्मुखी हैं, लेकिन वे लक्षणों के समान ही संक्रामक हैं।
सीडीसी के अनुसार किसी भी व्यक्ति का कोरोना ग्रसित कन्फर्म करने से पहले ही वह इसका 40 प्रतिशत प्रसारण कर जाता है।
कोविड -19 महामारी पर WHO की तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव ने इस प्रोग्राम के बाद में यह भी स्पष्ट कर दिया कि स्पर्शोन्मुख संचरण की वास्तविक दरें अभी तक ज्ञात नहीं हैं।वान केराखोव ने कहा, "हम जिस ट्रांसमिशन के बारे में जानते हैं, वह यह है कि जिन लोगों में लक्षण होते हैं, वे संक्रामक बूंदों के माध्यम से वायरस को अन्य लोगों तक पहुंचाते हैं।" लेकिन ऐसे लोगों का एक उपसमूह है जो लक्षणों को विकसित नहीं करता हैं, और यह समझने के लिए कि कितने लोगों में यह लक्षण नहीं हैं, हम वास्तव में अभी तक इसका जवाब नहीं दे सकते हैं।
डब्ल्यूएचओ प्रतिनिधि ने कहा कि वास्तव में नए कोरोना वायरस का गैर लाक्षणिक फैलाव अत्यंत ही दुर्लभ है।
इन्टरनेट पर उपलब्ध तमाम रिपोर्ट एवं विशेषज्ञो की राय एवं विश्लेषणो में यह तो स्पष्ट हो गया है कि कोरोना महामारी के संक्रमण को कोरोना संक्रमित द्वारा एक व्यक्ति से दूसरे में ट्रांसमिट किये जाने को लेकर डब्ल्यू एच ओ भी शंकित है और इसी कारण से वह कोरोना के व्यक्ति से व्यक्ति में फैलने के दावे को न तो स्वीकार कर पा रहा है ना ही खारिज कर रहा है, हां इतना जरूर की इस तरह से फैलाव को नकारने के पक्ष में ज्यादा है और वे बढते ही जा रहे हैं। अगर आप न्यूज़मैक्स की वह क्लिक पूरी देखना और सुनना चाहते हैं तो कमेन्ट में अपना इमेल एड्रेस लिखे मै लिंक भेजता साथ ही दुनियाभर के मीडिया की इस विशेष मुद्दे पर रिपोर्ट पढने के लिए की वर्ड WHO clarifies comments on asymptomatic spread of Covid-19 ...... से सर्च करे।





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