जमानत के लिए पीएम रिलीफ फंड में पैसा जमा करने और आरोग्य सेतु डाउनलोड करने की शर्त भी, लाखों रुपये जमा करवा दिये कोर्ट ने अभी तक।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर (Madhya Pradesh High Court ) ने अपने आदेशों के माध्यम से पीएम केयर फंड में 11 लाख की राशि जमा करवाई है। उच्च न्यायालय ने अधिकांश अग्रिम जमानत एवं नियमित जमानत के लिए आरोपियों को अपने मोबाइल में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने की शर्त भी लगाई। आदेश का पालन नहीं करने पर जमानत को निरस्त कर दिया जाएगा।
कोरोना महामारी (Corona Virus) से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा बनाए गए पीएम केयर फंड (PM Care Fund) में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय खण्ड पीठ ग्वालियर न्यायमूर्ति शील नागू, न्यायमूर्ति सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी, न्यायमूर्ति आनंद पाठक, न्यायमूर्ति जीएस अहलूवालिया, न्यायमूर्ति राजीव श्रीवास्तव तथा न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने 20 मई से 8 जून तक लगभग 125 आरोपियों को सामाजिक दायित्व निभाने के निवेदन पर जमानत का लाभ तो दिया, लेकिन उनसे पीएम केयर रिलीफ़ फंड में ढाई हजार से 40 हज़ार रुपए तक की सहयोग राशि जमा भी करवाई।नाबालिग से बलात्कार के एक मामले में आरोपी द्वारा न्यायालय को बताया गया कि पीड़िता बालिग है। वह उसके साथ विवाह करना चाहती है। तब उच्च न्यायालय ने प्रकरण के तथ्यों को देखते हुए आरोपी को 40 हज़ार रुपए पीएम केयर फंड में जमा करने तथा अन्य शर्तों पर जमानत दी। एक अन्य मामले में जिसमे आरोपी सौरभ जैन से नारकोटिक्स विभाग द्वारा फैंसी ड्रिल बरामद की थी। उस पर भी 40 हज़ार रुपए जमा करने की शर्त लगाते हुए जमानत का लाभ दिया था।
उधर पटना हाईकोर्ट ने बिहार में शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार याचिकाकर्ताओं को इस शर्त पर जमानत दी कि वे कोरोना महामारी के मद्देनजर स्थापित पीएम-केअर्स फंड में योगदान देंगे, उनके वकीलों ने बताया कि कि 5,000 और 25,000 रुपये के बीच का दान करने के बाद ही कम से कम तीन याचिकाकर्ताओं को जमानत दी गई। जिन तीन याचिकाकर्ताओं को पिछले महीने जमानत दी गई थी, उनमें से एक संतोष साहनी ने प्रधानमंत्री सिटिजन असिस्टेंस एंड रिलीफ इन इमरजेंसी सेचुएशन (PM-CARES) कोष में दान दिया।
जस्टिस अंजनी कुमार शरण ने 18 जनवरी से जेल में बंद संतोष साहनी को इस शर्त पर जमानत दी वह पीएम-केअर्स फंड में 5,000 रुपये जमा करेगा.
कोर्ट ने 13 मई को अपने आदेश में साहनी को निर्देश दिया कि वह 20,000-20,000 रुपये के जमानती बॉन्ड जमा कराए जज ने आदेश में कहा था कि याचिकाकर्ता की जमानत बॉन्ड को पीएम केयर फंड में पांच हजार रुपये की जमा रसीद दिखाने पर ही कोर्ट द्वारा स्वीकार किया जाएगा।
हाई कोर्ट ने कम से कम 2 अन्य जमानती मामलों में भी इसी तरह के आदेश पारित किए, जस्टिस शरण ने 15 मई को अपने फैसले में याचिकाकर्ता रमेश से पीएम-केअर्स फंड में 25,000 रुपये जमा करने को कहा. अधिकारियों ने पिछले साल मई में कथित तौर पर उनके द्वारा संचालित एक ट्रक से 3,526 लीटर विदेशी शराब बरामद की थी उसी दिन, जस्टिस शरण ने ड्राइवर मुन्ना मियां को 5,000 रुपये का फंड पीएम केअर्स में दान करने को कहा. मुन्ना फरवरी में अपनी गाड़ी में 208.80 लीटर शराब के साथ पकड़ा गया था और जमानत के लिए अपील करने के बाद कोर्ट ने यह सजा सुनाई।
यही नहीं झारखंड हाईकोर्ट ने पूर्व सांसद सोम मरांडी और पांच अन्य लोगों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने और पीएम केयर्स फंड में 35- 35 हजार रुपए जमा करने की शर्त पर जमानत प्रदान करने का निर्देश दिया है।
सोम मरांडी, विवेकानंद तिवारी, अमित तिवारी, हिसाबी राय, संचय वर्धन और अनुग्रह प्रसाद साह पर रेल रोको आंदोलन के तहत रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मुकदमा साहिबगंज में दर्ज किया गया था। रेलवे मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने इन्हें दोषी मानते हुए एक साल की सजा सुनाई थी।
इसके खिलाफ जिला एवं सत्र न्यायालय में अपील जहां उनकी अपील खारिज होने के बाद प्रार्थियों ने हाईकोर्ट में अपील की।
इस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अनुभा रावत की अदालत ने आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने और कोरोना की रोकथाम के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से जारी निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया। सभी को पीएम केयर्स फंड में 35-35 हजार रुपए जमा करने का भी निर्देश दिया।
न्यायालयों में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जारी गाइडलाइन के अनुसार जहां प्रकरणों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हो रही है प्रवासी मज़दूरों के भोजन प्रबंध के लिए भी राशि जमा करने के दिए आदेश, आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने की शर्त भी लगाई जा रही है।

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