शेल्टर होम से फिर देश शर्मसार, 7 बच्चियां प्रेग्नेंट, 57 कोरोना पाजिटिव और 1 को HIV, 1 हेपेटाइटिस से संक्रमित, 8 महीने का गर्भ अब तक नहीं लगी भनक।
कानपुर। उत्तर प्रदेश के ही मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड से शर्मसार हो रहे देशवासियों को एक बार फिर ऐसी ही घटना की खबर ने सोचने को मजबूर कर दिया है कि ये सरकारी शेल्टर होम किसलिए या किसके लिए बनाये गये हैं। यहाँ बालिकाओं को संरक्षण के लिए रखा जाता है या उनके देह शोषण के लिए।
प्राप्त खबरों के मुताबिक कानपुर स्वरूप नगर के बालिका संरक्षण गृह (Shelter Home) में पहले 2 नाबालिग बालिकाओं के गर्भवती होने की बात उजागर होने के बाद अब 7 नाबालिग लड़कियों के प्रेग्नेंट (Pregnant) होने की पुष्टि हुई है मामले में SSP दिनेश कुमार पी का कहना है कि लडकियां यहां लाने से पहले ही प्रेग्नेंट थी। अब इस मामले में जहां एक और प्रशासन में हड़कंप मचा है तो वहीं सियासत भी शुरू हो चुकी है। दरअसल, कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलो को देखते हुए बालिका संरक्षण गृह में तीन दिन पहले बच्चियों का कोरोना टेस्ट हुआ था। यहां रह रही 57 बच्चियों में कोरोना के लक्षण दिखाई देने के बाद उनकी जांच के लिए मंधना के रामा हॉस्पिटल में सैंपल भेजे गए। जांच के बाद जब रिपोर्ट आयी तो सब दंग रह गए। जांच के बाद इस बात का खुलासा हुआ. संरक्षण गृह की 57 लड़कियां कोरोना संक्रमित निकली, जिनमे से सात गर्भवती हैं, और पांच में कोरोना की पुष्टि हुई है, उनमे से एक एचआईवी से ग्रसित हैं, वहीं दूसरी में हेपेटाइटिस-सी के लक्षण भी पाए गए।
सबसे बड़ा सवाल यही कि नाबालिग बच्चियां प्रेग्नेंट कैसे हुई और प्रबंधन को इस बात का पता कैसे नहीं चला कि बच्चियां गर्भवती हैं ?
स्वरूप नगर स्थित राजकीय बालिका गृह को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। बालिका गृह के स्टॉफ को क्वारंटीन कराया गया है। इससे पहले डॉक्टरों के पास लडकियों की किसी भी प्रकार की बैक हिस्ट्री नहीं है । डॉक्टरों ने गर्भवती लडकियों की बैक हिस्ट्री को समझने के लिए अधिकारियों से संपर्क किया।
मंडलायुक्त डॉ सुधीर एम बोबडे के निर्देश पर जिलाधिकारी डॉ ब्रह्म देव राम तिवारी ने बताया कि इस संरक्षण गृह में कुल 57 कोरोना पॉजिटिव संवासिनी पाई गई हैं। कुल संरक्षित बालिकाओ में 7 बालिकाएं गर्भवती पाई गईं , जिसमें 5 कोरोना पॉजिटिव हैं। शेष 2 निगेटिव पाई गई हैं। पांच पॉजिटिव संवासिनी जनपद आगरा, एटा, कन्नौज फिरोजाबाद व कानपुर के CWC (बाल कल्याण समिति) ने भेजा था। सातों संवासिनी सेल्टर होम आने से पहले ही गर्भवती थीं।
वहीं इस इस मामले में कानपुर के SSP दिनेश कुमार पी. का कहना है कि दोनों लड़कियां शेल्टर होम आने से पहले ही प्रेग्नेंट थीं। आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज है। एक लड़की कन्नौज तो दूसरी आगरा से आई थी। बेवजह मामले को गलत मोड़ दिया जा रहा है। पांच संक्रमित संवासिनी आगरा, एटा, कन्नौज फिरोजाबाद और कानपुर के बाल कल्याण समिति से संदर्भित करने के बाद यहां रह रही थीं।
एसएसपी दिनेश कुमार पी का कहना है कि पॉक्सो एक्ट के तहत एक लडकी कन्नौज और दूसरी आगरा से कानपुर आई है, रेस्क्यू के समय ही ये दोनों गर्भवती थी और दिसंबर 2019 में संरक्षण गृह में भेजी गई थीं. दोनों 6 महीने पहले बालिका गृह में आईं, जबकि गर्भ 8 महीने का है. संरक्षण के समय से दोनों के गर्भवती होने का रिकॉर्ड है।
स्वरूप नगर स्थित राजकीय बालिका गृह को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। बालिका गृह के स्टॉफ को क्वारंटीन कराया गया है। जिला प्रोबेशन अधिकारी अजीत कुमार के मुताबिक राजकीय बालिका गृह को सील कर दिया गया है। सभी दस्तावेज बालिका गृह में हैं।
महिला आयोग की सदस्य ने कहा कि राजकीय बालगृह में 55 बालिकाएं संक्रमित मिली है। बालिका गृह में काफी लड़कियां पॉक्सो ऐक्ट में आती हैं, कम उम्र की होती हैं और उन्हें वहां रखा जाता है। जब बच्चियों को हैलट अस्पताल भेजा गया था तो हमारा स्टॉफ भी साथ में गया था तो किसी के टच में आ कर संक्रमण फैला होगा। राजकीय बालगृह में किसी भी पुरुष का जाना वर्जित है, वहां पर मेरा स्वयं का भी दौरा होता रहता है। आप लोग इसे अन्यथा नहीं लें।


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