कोरोना विस्फोट, 15 फीट चौड़ी और 200 मीटर लम्बी गली में 60 पाजिटिव। एक में भी कोरोना का लक्षण नहीं था। संभवत अपनी तरह का पहला मामला।

संभवतः अपनी तरह का है यह पहला मामला है कि मात्र 15 फीट चौड़ी और 200 मीटर लंबी गली में निवासरत पार्षद और उनके प्रतिनिधि के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उनके संपर्क में आए लोगों को तलाशने के साथ उनकी Covid-19 संबंधी जांच  कराई और देखते ही देखते मात्र चार दिनों के अंदर एक ही गली में 60 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। इनमें 20 महिलाएं भी हैं। घनी आबादी में बनी वह गली मात्र 15 X 200 मीटर लंबी है।
यूपी के कानपुर जिले की विद्युत कॉलोनी की एक गली में Covid-19 संक्रमण के 60 मरीज सामने आए हैं। देश में संभवतः अपनी तरह का यह पहला मामला है। सीएमओ के मुताबिक, कोरोना संक्रमित पाए गए सभी मरीजों में कोई भी लक्षण नजर नहीं आ रहे थे।
कानपुर के सीएमओ डॉक्टर अशोक शुक्ला ने रविवार को पुष्टि की सीएमओ के मुताबिक, कोरोना संक्रमित पाए गए सभी मरीजों में कोरोना के बताये जा रहे कोई भी लक्षण नहीं है।
कोरोना महामारी का यह भयायक रूप यूपी के कानपुर में सामने आया है। देश में संभवतः यह अपनी तरह का पहला मामला है, सीएमओ डॉक्टर अशोक शुक्ला ने रविवार को बताया कि बर्रा थाना क्षेत्र में शिव नगर की विद्युत कॉलोनी की एक गली में गत गुरुवार से अब तक 60 लोग Covid-19 से संक्रमित पाए गए हैं। इनमें से ज्यादातर लोग ऐसे हैं जिनमें संक्रमण का कोई भी लक्षण नहीं था। उन्होंने बताया कि स्थानीय पार्षद के बीमार पड़ने के बाद यह सिलसिला शुरू हुआ था। पार्षद हाल ही में गोरखपुर से कानपुर लौटे थे। तबीयत खराब होने पर उन्होंने डीएम ब्रह्मदेव राम तिवारी से मदद मांगी थी। बीते गुरुवार को आई जांच रिपोर्ट में वह और उनका प्रतिनिधि Covid-19 संक्रमित पाए गए थे।

शुक्ला ने कहा कि उस गली में रहने वाले ज्यादातर लोग दलित हैं और उनमें से अधिकतर दूध, सब्जी और फल बेचने का काम करते हैं। संक्रमित पाए गए सभी लोगों को रामा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। उनमें से ज्यादातर लोगों में Covid-19 का कोई भी लक्षण नहीं दिखाई दे रहा था। उन्होंने बताया कि इलाके को हॉट स्पॉट घोषित करके आवश्यक प्रोटोकॉल लागू किया गया है।
संभवतः अपनी तरह का है यह पहला मामला है कि
मात्र 15 फीट चौड़ी और 200 मीटर लंबी है गली में निवासरत पार्षद और उनके प्रतिनिधि के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उनके संपर्क में आए लोगों को तलाशने के साथ उनकी Covid-19 संबंधी जांच  कराई और देखते ही देखते मात्र चार दिनों के अंदर एक ही गली में 60 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। इनमें 20 महिलाएं भी हैं। घनी आबादी में बनी वह गली मात्र 15 X 200 मीटर लंबी है।
यूपी के कानपुर जिले की विद्युत कॉलोनी की एक गली में Covid-19 संक्रमण के 60 मरीज सामने आए हैं। देश में संभवतः अपनी तरह का यह पहला मामला है। सीएमओ के मुताबिक, कोरोना संक्रमित पाए गए सभी मरीजों में कोई भी लक्षण नजर नहीं आ रहे थे।
कानपुर के सीएमओ डॉक्टर अशोक शुक्ला ने रविवार को पुष्टि की सीएमओ के मुताबिक, कोरोना संक्रमित पाए गए सभी मरीजों में कोरोना के बताये जा रहे कोई भी लक्षण नहीं है।
कोरोना महामारी का यह भयायक रूप यूपी के कानपुर में सामने आया है। देश में संभवतः यह अपनी तरह का पहला मामला है, सीएमओ डॉक्टर अशोक शुक्ला ने रविवार को बताया कि बर्रा थाना क्षेत्र में शिव नगर की विद्युत कॉलोनी की एक गली में गत गुरुवार से अब तक 60 लोग Covid-19 से संक्रमित पाए गए हैं। इनमें से ज्यादातर लोग ऐसे हैं जिनमें संक्रमण का कोई भी लक्षण नहीं था। उन्होंने बताया कि स्थानीय पार्षद के बीमार पड़ने के बाद यह सिलसिला शुरू हुआ था। पार्षद हाल ही में गोरखपुर से कानपुर लौटे थे। तबीयत खराब होने पर उन्होंने डीएम ब्रह्मदेव राम तिवारी से मदद मांगी थी। बीते गुरुवार को आई जांच रिपोर्ट में वह और उनका प्रतिनिधि Covid-19 संक्रमित पाए गए थे।
शुक्ला ने कहा कि उस गली में रहने वाले ज्यादातर लोग दलित हैं और उनमें से अधिकतर दूध, सब्जी और फल बेचने का काम करते हैं। संक्रमित पाए गए सभी लोगों को रामा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। उनमें से ज्यादातर लोगों में Covid-19 का कोई भी लक्षण नहीं दिखाई दे रहा था। उन्होंने बताया कि इलाके को हॉट स्पॉट घोषित करके आवश्यक प्रोटोकॉल लागू किया गया है।
बिना मास्क लगाए अक्सर हुजूम में बैठे नजर आते हैं गली के लोग -
बर्रा थाना अध्यक्ष रंजीत सिंह के अनुसार विद्युत कॉलोनी की उस गली में रहने वाले लोग बिना मास्क लगाए अक्सर हुजूम में बैठे नजर आते हैं और उनके बीच सोशल डिस्टेंसिंग जैसी कोई चीज नहीं रहती। ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि कोरोना के मामले इन्हीं सब कारणों से बढ़े हैं।

बर्रा थाना अध्यक्ष रंजीत सिंह के अनुसार विद्युत कॉलोनी की उस गली में रहने वाले लोग बिना मास्क लगाए अक्सर हुजूम में बैठे नजर आते हैं और उनके बीच सोशल डिस्टेंसिंग जैसी कोई चीज नहीं रहती। ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि कोरोना के मामले इन्हीं सब कारणों से बढ़े हैं।

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