क्राइम पेट्रोल की अभिनेत्री बन गई क्राईम स्टोरी, ” सबसे बुरा होता है सपनो का मर जाना ” लिख प्रेक्षा मेहता ने लगाई फांसी।
इंदौर। टीवी सीरियल अभिनेत्री और यु ट्यूब सेलिब्रिटी प्रेक्षा मेहता ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। मुम्बई से इन्दौर प्रेक्षा लॉक डाउन के बाद ही आ गई थी, वो मुंबई में टीवी सीरियल में काम करती थी , क्राइम पेट्रोल के भी कई प्रोग्राम में उसने अभिनय किया था, युवती के पिता रवीन्द्र मेहता के मुताबिक लॉक डाउन होने के कारण वह घर आ गई थी, मुम्बई में जिस तरह कोरोना बढ़ता जा रहा है और लगातार लॉक डाउन होने से, युवती को लगा कि लंबे समय तक काम नही मिलेगा। जिसके चलते शायद डिप्रेशन में आकर उसने यह कदम उठाया है , फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
लॉक डाउन की वजह से अभिनेत्री प्रेक्षा मेहता जैसे कई लोग है जिन्हें काम की चिंता है और यह चिंता निकट भविष्य में ना जाने कितनो की चिता बन सकती है सरकार को पैकेज के अलावा इस तरह की स्थिति के बारे में भी कुछ सोचना चाहिए। बता दे कि थिएटर में प्रेक्षा की शुरुआत अभिजीत वाडकर, संतोष रेगे और नगेंद्र सिंह राठौर के नाट्य ग्रुप ‘ड्रामा फैक्टरी’ से हुई। मंटो का लिखा नाटक ‘खोल दो’ उनका पहला प्ले था। इसमें मिले जबरदस्त रिस्पांस के बाद वो खूबसूरत बहू, बूंदें, राक्षस, प्रतिबिंबत, पार्टनर्स, हां, थ्रिल, अधूरी औरत जैसे नाटकों में काम कर चुकी हैं।
एकल नाट्य ‘सड़क के किनारे” में जानदार अभिनय के लिए उन्हें अवार्ड मिल चुका है वहीं उन्हें अभिनय के लिए ही तीन राष्ट्रीय नाट्य उत्सवों में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
ये माना जा रहा है अभिनय की ललक और दीवानगी ने ही प्रेक्षा को खुद की जान लेने को मजबूर कर दिया होगा, प्रेक्षा तो मौत के आगोश में समा गई लेकिन अपनी मौत के पीछे कई सवाल छोड़ गई जिसके जवाब आने वाला वक़्त ही दे पाएगा। वही प्रेक्षा के आखरी सोशल मीडिया स्टेटस ” सबसे बुरा होता है सपनो का मर जाना” ने एक बड़ा सवाल कोरोना संकट में और खड़ा कर दिया है।


Comments
Post a Comment