कोरोना के साथ कलेक्टर का खौफ, एक स्टेटमेंट और 90 पर्सेन्ट ग्रुप हो गये एडमिन कन्ट्रोल, बड़े बडे धुरंधर पत्रकारों की भी हो गई सेटिंग चेन्ज, अब चाहिए केमरा एक्टिव करने का बयान इन नुक्कड़बाजों के लिए



लाॅकडाउन के चल्ते दुकान बंद थी तो वो छोटू सुबे पोये घर पे ही ले आया न मेरे हाथ पे पुड़िया रखते बोला भिया मजा आ गिया एकदम सईसाट .... बीस की गल न इक्कीस की चोट मारको ढैय्या लूट ली कलेक्टर ने.... 
मैने पूछा ऐसा क्या कर दिया तो बोला.. आपको नि पता भिया बितलाता डिटेल में..... ऐसा हे भिया कि बस एक स्टेटमेंट न शहर के 90 परसेन्ट गुरूप आ गिये एडमिन कन्ट्रोल में .....बडो बडो धुरंधर पत्रकारों के गुरपो की भी सेटिंग चेंज हो गई भिया.....
मैनै पूँछा तेरको केसे मालम तो केने लगा भिया जब आपका फोन खराब हुआ था ना तो आपने तीन चार गुरूप मे मेरा फोन डाल दिया था मे निकला नि वां पे से अबी तक वहीं पे बैठा दुबक्को मचे ले रिया था.......
पन भिया पन मजा आ गिया कि नि... भियाओ, खलीफाओ, दादा-बहादुरों के शहर इन्दौर में इन्दौर कलेक्टर के एक स्टेटमेंट.... कि ये जो घर में बैठको फोकट ज्ञान पेलते पत्रकार बन रिये है ना उनको चेतावनी है कि ऐसे कोई भी मैसेज सोशल साइट्स पे वायरल ना करे....... 

सायबर सेल को निर्देश दे दिए हैं वे पता लगाऐगे और पुलिस आको घर से ले जाएगी...... और सभी ग्रुप एडमिन ग्रुप का कन्ट्रोल अपने हाथ में ले ले नहीं तो पोस्ट करने वाले के साथ ग्रुप एडमिन भी जेल जाने को तैयार रहे........
कना कौनसी धारा बितला आदेश निकालने का केह रिये थे भिया ...... पन आदेश तो कना कब निकलेगा उसके पेले ही धड़ाधड़ ग्रुप की सेटिंग ऐसे चेन्ज होने लगी जैसे दंगों के टेम दुकानों के शटर गिरते ना भिया.......  मजा आ गिया भिया... अब सब अन्दर की खबर लाने वाले खोजी पत्रकार कुलबुलारिये है........
पन भिया इन्दौर में मनीषसिंहजी को अब एक और विडियो जारी करने की जरूरत है .... कि गली की सभी दुकानों के कैमरे एक्टिव करको चौराहे पे बेठै पुलिसकर्मियों को कन्ट्रोल दे रिये हे.....  .. ये जो गलियों में दिनभर घूमते रैते हे नि उनको वे सीसीटीवी मे देख आको ले जाऐगे फिर वहीं दिन रात घूमते रहना........
सई केह रिया भिया भोत ही जरूरी हे ये नि तो दिन भर "खाना नि पच रिया यार" केतै हुए ये गली में घूमते पगले पूरी मेहनत का कबाडा कर देंगे....
ऐसै तो भिया रोड के उस पार भी गुटखा पाउच लेने बाईक पे जाते आज खाना नि पचरिया इन "गेल सप्पी ग्यारसो का".... अब आगे क्या बोलू समझ रिये हो ना ....
एक और भी हे भिया "गेली फिलम" इन्दौर में, जिनको बैडमिंटन और किरकेट बोलनाई नि आता "बेट फुद्दी न बेट बल्ला ही केहते" वे औटले पे बैठ अपनी औलादो को इक्कीस दिन की खाली रोड पे ट्रेनिंग दे सानिया नेहवाल न सचिन तेंडुलकर बना रिये.... बेट फुद्दी खिला रिये रोड पे.... ये कोरोना के "कोच" ओन....
तो भिया इनके लिए कलेक्टर साब बयान भर जारी कर दे बस.... 50 - 60 पर्सेन्ट यूं ही घुस जाऐगे घरों में..... एक जगो बैठे बैठे ही पचा लेगे खाना ..... बाकी के 40 - 50 हम मैसेज वायरल कर घर में घुसाने की कोशिश करेंगे....
14 दिन हो गये....... इन फोक्टे ज्ञानु नुक्कड़बाजों के कारण सबकी मेहनत बेकार नि हो जाए... तो गली की दुकानों के कैमरे एक्टिव करना भोत जरूरी है ....
भिया आज इन्दौर की हर गली में एक दो ऐसी दुकान हे, चाहे किराने की हो, क्रॉकरी की हो ब्यूटी पार्लर या सैलून अथवा प्रापर्टी ब्रोकर जां पे केमरे लगे हुए हे ।
तो कलेक्टर साब आपकी मेहनत को सफल देखने के न इन्दौर को कोरोना से बचाने के लिए रिक्वेस्ट है... चाहे तो सुझाव मान ले प्लीज....न कर दो भिया घोषणा कैमरे एक्टिव की।


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