प्रधानमंत्री का फर्जी इंटरव्यू - भास्कर ने मानी गलती, पत्रकार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई, प्रधानमंत्री को माफी नामा भेजेगा भास्कर।
दैनिक भास्कर ने डीबी पोस्ट मे 8 मार्च को महिला दिवस के अवसर पर फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मरीन का फर्जी इंटरव्यू प्रकाशित किया था जिस पर प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
इस पत्रकारिता जगत के चर्चित मामले पर दैनिक भास्कर की ओर से कहा गया है कि हम अपने फ्रीलांस पत्रकार सिद्धार्थ राजहंस के धोख़े का शिकार हुए हैं, उन्होंने हमसे जालसाज़ी की है, हम उनके ख़िलाफ़ क़ानूनी क़दम उठा रहे हैं, साथ ही फिनलैंड के प्रधानमंत्री कार्यालय और दूतावास को माफ़ीनामा भी भेज रहे हैं।
प्रधानमंत्री के इस फर्जी इंटरव्यू के फर्जी वाडे के बारे में दैनिक भास्कर की और से खुलासा किया गया कि, अखबार ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विश्व की सबसे युवा महिला प्रधानमंत्री सना मरीन का इंटरव्यू करने की योजना बनाई. इसके लिए इन्दौर मध्य प्रदेश के मूल निवासी अमेरिकी टेक्नोक्रेट सिद्धार्थ राजहंस से संपर्क किया, जिन्होंने खुद को संयुक्त राष्ट्र से जुड़ा हुआ बताते हुए साक्षात्कार लाने का विश्वास दिलाया. इसके लिए उन्होंने अपने मेहनताने के 35 हजार सहित करीब साढ़े तीन लाख रुपये की राशि स्वीकृत कराई।
भास्कर का कहना है कि सिद्धार्थ ने इंटरव्यू स्वीकृत कराने के लिए फिनलैंड के प्रधानमंत्री कार्यालय को दो ईमेल से सम्पर्क किया और उनका जवाब भी आया लेकिन इसके बाद जब हमने फिनलैंड दूतावास से संपर्क किया,तो उन्होंने 18 मार्च को भास्कर को भेजे जवाब में बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से उन्हें आए दोनों ईमेल फर्जी थे।
इस पूरे फर्जी इंटरव्यू प्रकरण पर दैनिक भास्कर के नेशनल न्यूज़ रूम डेस्क के संपादक अरुण चौहान को द वायर ने सवालों की एक सूची ईमेल की थी, जिसका उन्होंने विस्तार से जवाब दिया।
उधर फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मरीन के कार्यालय की सरकारी संचार निदेशक पविवि एंटिकिकोस्की का कहना है कि वह इस घटना से अचंभित हैं, एक समाचार पत्रिका द्वारा छल किया गया है जो कि अपमानजनक है अगर हेलसिंकी में कोई प्रधानमंत्री का साक्षात्कार करने आया होता तो हमें तो जरूर ही पता होता।

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