दो घन्टे में डाइरेक्ट दुबई पोंचेंगें पोहे। 
_इन्दौर से भिया इन्दौरी_ (बकलम आनन्द पुरोहित) 
  https://youtu.be/qRJj1NFOjiI



 भिया राओओओम यह 2 घंटे का टाइम कम जादा हो सकता हेगा भिया, वो केते हे ना भिया कि शर्तें लागू पन भिया ये तो पक्का हो गया एकदम कन्फर्म कि अब अपने इंदौर से डायरेक्ट दुबई जा सकते पोहे लेको, अभी क्या हे कि परेशान हो जाते थे अपने इंदौरी भाई लोग वां पे है, अब तो दुनिया में मतलब ऑल वर्ल्ड खुला चैलेंज डायरेक्ट फ्लाइट 15 जुलाई को इंदौर से दुबई डायरेक्ट पेली अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट शुरू न इसके साथ ही डायरेक्ट इंदौर से फॉरेन कहीं पे भी आओ जाओ घर तुम्हारा अभी पेले 15 जुलाई को दुबई की फ्लाइट फिर धीरे-धीरे सब जगो की हो जाएगी शुरू पन ये ऐसे ही नि हुआ है भिया बहुत पापड़ बेलने पड़े कित्तो में ही डिजाइन डालनी पड़ी तब जाको डायरेक्ट हुआ इंदौर दुनिया के सभी देशों के साथ खैर मैं आपको स्टार्टिंग से शुरू कर आखिरी एन्ड तक बताता।

‌तो भिया पहले तो ये जान लो कि अपने इंडिया में 15 अक्टूबर 1932 को सिविल एविएशन मूवमेंट की शुरुआत हुई थी मतलब हवाई जहाज की आवा जावी की खुसुर फुसूर शुरुआत, जब जेआरडी टाटा की टाटा एंड संस ने कराची-अहमदाबाद- मुंबई - बेल्लारी-मद्रास के बीच मेल सर्विस  शुरू की और 17 अक्टूबर को मुंबई मद्रास की पेली फ्लाइट उडी न पायलट थे नेवल विंसेंट जो कि 16 अक्टूबर को बेल्लारी रुक कर  गई थी और यह वही 1932 में जे आर डी टाटा की मालिकी वाली कम्पनी टाटा एयरलाइंस की उड़ान थी जो कि 1946 में एयर इंडिया बन गई थी नेवल विंसेंट और जेआरडी टाटा  फ्रेन्ड थे, दोनों ने कमर्शियल पायलेट लाइसेंस साथ-साथ ही लिया था न ये ही नेविल विन्सेन्ट इन्डिया की पेली उड़ान के पायलट भी बन गिये थे बस कहानी वहीं से शुरू हुई थी भिया, इंदौर के होल्कर नरेश ने नेविल विंसेंट को डिजाइन डाल ज्ञान गणित ले लिया, न ये बात थी भिया 1935 की न उसके बाद  बिजासन टेकरी के पास जगो देखको हवाई अड्डा बनना शुरू, मतलब 85 साल पहले शुरू हुई थी भिया इन्दौर के हवाईअड्डा बनने की कार्रवाई, न उधर देश आजाद न इधर अपने इंदौर में भरी हवाई जहाज ने उड़ान, भिया 1948 में इंदौर से ग्वालियर दिल्ली और मुंबई की उड़ानें शुरू हो गई थी, बस सुबे शाम थी भिया, दिल्ली से आती न मुंबई जाति मुम्बई से आती न दिल्ली जाती जैसे अपने यां पे  टेम्पो आते जाते थे तब अरे भिया वोई जैसे बिजासन से तिलकनगर न तिलक नगर से बिजासन, न आजादी के बाद 1950 में भारत सरकार ने ले लिया अपने कब्जे में ये हवाईअड्डा होल्कर नरेश से, और 5600 फीट  की नई उड़ान पट्टी मतलब रन-वे बनवाया 1966 में, और फिर तो भिया यां पे रात में भी प्लेन का आना जाना शुरू हो गया धीरे धीरे  सरकारी न प्राइवेट सभी प्लेन उडने लगे यहां से न इंडियन एयरलाइंस, जेट, इंडिगो, स्पाइस अभी तक उड़ रहे थे ना बीच-बीच में पवन पुत्र पवन हंस भी आए थे एयर टैक्सी वैक्सी भी उड़ा दी थी वो गोयनका वोयनका की भी यां से न सब बंद चालू होती रही और अभी तो दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, हैदराबाद, चंडीगढ़, बेंगलुरु, कोलकाता, नागपुर, जयपुर, उदयपुर, पुणे, लखनऊ, रांची, विशाखापट्टनम, न जाने कां कहां की उड़ान भर रिये थे, उनमें भी जेट वाला टें बोल गया,  ढैय्या ही लूट गई उस बापड़े की सब दूर से तो इंदौर का हवाई अड्डा क्या करें
खैर अपन तो भिया अब इंटरनेशनल मतलब ईदेश-विदेश भी डायरेक्ट उड़ को जाएंगे पेले दिल्ली मुंबई जाना पड़ता था ना अब अंतरराष्ट्रीय हो गया अपना इंदौर का हवाई अड्डा तो एक बात और बता दू भिया जनरल नॉलेज के लिए कि इसका आई सी ए ओ कोड है वी ए आई डी , आईसीएओ पता हे कि नि भिया  इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन का कोड, न आई ए टी ए कोड है आइ डी आर आई अब आईएटीए का मतलब भी बता देता नि तो केओगे कि  इसका तो मालूम भी नि न जबरन चतरा बन रिया तो आईएटीए का मतलब इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन का कोड है समझ रिय हो ना तो भिया माता बिजासन के दर्शन कर वही टेकरी पे बैठको इंटरनेशनल प्लेन होन को टेक आफ न लैंड आन हां मतलब वोई उड़ते हुए न उतरते हुए देखना, 15 जुलाई 2019 याद रख लेना तारीख इंदौर का हवाई अड्डे पे पेली इंटरनेशनल फ्लाइट को हरी झंडी मिलेगी अरे यां तो झंडी वन्डी नि यां तो दोनों हाथ को हिलाकों लाइट बताते, मजमा लगेगा भिया पोंच जाना, नेता अभिनेता सब आएंगे,  विधायक सांसद नए पुराने सब, अपन भी रेंगें ही वां पे, विधायक सासंद पे याद आया भिया कि अभी अभी चुनाव निपटे नहीं और इंदौर को इंटरनेशनल बनाने का लेटर आ गया दिल्ली से कस्टम क्लियर हो कर तो नए-नए सांसद बने शंकर लालवानी के खाते में डालने लगे पट्ठे होन  केहने लगे कि  शंकर लालवानी ने इंदौर को इंटरनेशनल एयरपोर्ट की पहली सौगात दी अब इनको कोन समझाए, कोन समझाए इनको कि 15 साल से ताई चिट्ठी पे चिठ्ठी लिख लिख को इत्ती मगजमारी कर रि थी कि मत पूछो, न ये पठ्ठो  के कारण *"पैदा होते ही बाप बन रिये है"* अब क्या बोलूं भिया इंदौर के तो इंदौरी वर्ड फेमस हे, कहां का कहां गणित जोड़ बिठा लेते खैर श्रेय किसी को भी  मिले अपने को क्या अपन तो बिजासन टेकरी से लैंड  करते हैं न टेकआॅफ करते देखेंगे प्लेन होन को आप भी आना, *चलता अभि तो, आता अगले सप्ताह में नई स्टोरी लेको तब तक के लिए भिया राम।*

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