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Showing posts from November, 2020

चला गया वो 10 नम्बर की जर्सी वाला, हैंड आफ गॉड के नाम से मशहूर डिएगो माराडोना के नाम ही है सदी का सर्वश्रेष्ठ गोल (गोल ऑफ द सेंचुरी)

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अर्जेंटीना के महान फुटबॉलर डिएगो माराडोना का बुधवार को 60 साल की उम्र में निधन हो गया है। समाचार एजेंसी एएनआई ने रॉयटर्स के हवाले से जानकारी दी है कि माराडोना का निधन हार्ट अटैक की वजह से हुआ है। बता दें कि माराडोना को अपने घर पर ही हार्ट अटैक आया था। दो सप्ताह पहले ही उन्हें ब्रेन में क्लॉट की वजह से सर्जरी करवानी पड़ी थी। माराडोना ने 30 अक्तूबर को अपना 60वां जन्मदिन मनाया था। चार फीफा विश्व कप खेल चुके माराडोना ने अपनी कप्तानी में अर्जेंटीना को 1986 में विश्व कप जीत दिलाई थी। हैंड आफ गॉड के नाम से मशहूर थे डिएगो माराडोना फाइनल से पहले इंग्लैंड के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में मैराडोना के दो गोल से अर्जेंटीना 2-1 से जीता था, लेकिन उनके दोनों गोल चर्चा में रहे थे। इनमें से खासकर पहला गोल काफी विवादित रहा था। बता दें कि अर्जेंटीना ने 1986 से पहले 1978 में अपनी मेजबानी में भी खिताब पर कब्जा जमाया था। गेंद मैराडोना के हाथ से लगकर गोल पोस्ट में गई थी पर रेफरी इसे देख नहीं सके और इसे गोल मान लिया गया। मैराडोना ने इसे भगवान की मर्जी बताते हुए इसे 'हैंड ऑफ गॉड' नाम दिया था जोकि आज तक इसी न...

तनिष्क ट्रोल फिर एक बार, दीपावली तनिष्क एड भी विवादित, यूजर के आक्रोश से फिर हटाना पड़ा यह भी विज्ञापन ।

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टाटा ग्रुप की कंपनी टाइटन के ज्वैलरी ब्रैंड ​तनिष्क के तथाकथित ‘लव जिहाद’ वाले विज्ञापन पर भारी बवाल मचा था तब उसने ‘एकत्वम’ अभियान का एक ऐड व मजबूरन हटाया था, तनिष्क को अब दिवाली का भी एक विज्ञापन सोशल मीडिया पर विरोध की वजह से वापस लेना पड़ा है। तनिष्क ने अब जो एड वापस लिया जिस पर भी उसे भारी विरोध का सामना करना पड़ा उसमें मॉडल सयानी गुप्ता यह कहते हुए ​दिखाई गईं हैं कि वह दिवाली पर पटाखे छुड़ाने की जगह कुछ समय अपनी मां के साथ बिताना पसंद करेंगी। हालांकि तनिष्क ने इसमें उसकी एड कैम्पेन टीम के अनुसार फिर एक सामाजिक संदेश देने की कोशिश की परन्तु तनिष्क के इस ऐड पर भी सोशल मीडिया पर लोगों ने काफी नाराजगी जाहिर की है और उसके चलते फिर एक बार बायकाट तनिष्क ट्रेंड करने लगा। तनिष्क का यह विज्ञापन भी ‘एकत्वम’ कैम्पेन के तहत ही दीपावली पर जारी किया था इस विज्ञापन में नीना गुप्ता, सयानी गुप्ता, निमरत कौर और अलाया फर्नीचरवाला ने काम किया है।वे आपस में बातचीत कर यह बता रही हैं कि इस दिवाली पर क्या करेंगी. सयानी गुप्ता कहती हैं कि वह पटाखे नहीं छुड़ाएंगी और इसकी जगह अपनी मां के साथ कुछ समय बिताना ...

वीरता की प्रतीक ध्वज - पताकाएँ, कितने प्रकार की होती ध्वज पताकाएँ क्या अंतर होता उनमें, पितामह भीष्म, युधिष्ठिर, अभिमन्यु सहित रावण मेघनाद की कैसी थी पताकाएँ जानिए।

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वीरता की प्रतीक ध्वज - पताकाएँ आदिकाल से ही ध्वजा ( झंडा ) पताकाओं का उल्लेख मिलता हैं । ध्वजा आठ प्रकार की होती हैं - जया , विजया, भीमा , चपला ,वैजंयंतिका , दिर्धा , विशाला ओर लोला ।  जया पाँच हाथ की , विजया छः हाथ की ओर इसी प्रकार क्रमश एक एक हाथ की लम्बाई बढ़ती जाती हैं । ध्वज सपताक भी होता हैं ओर निष्पताक भी । ध्वज मे जो चोकाना या तिकोना कपड़ा बंधा होता हैं , उसे पताका कहते हैं । हिन्दी सब्द सागर के अनुसार ये भी जयंती , अस्टमंगला आदि कई प्रकार की होती है । वाल्मीकि रामायण के अनुसार राजा दशरथ की अयोध्या नगरी मे अनगिनत ध्वज - पताकाए फहराती रहती थी । राजा ओर सेनापति के ध्वज विशेस होते थे जैसे अन्य के नहीं होते थे । रावण की ध्वजा पर मनुष्य की खोपड़ी का चिन्ह था, उसके पुत्र इन्द्रजीत की ध्वजा पर सिंह का चिन्ह था। महाभारत के योद्धा अर्जुन के रथ की ध्वजा कपिश्रेस्ट हनुमानजी से उपलक्षित थी । अभिमन्यु के रथ में कही कणीकार का चिन्ह एवं कही शाड्ग़ पक्षी का चिन्ह लिखा मिलता है । युधिष्ठिर की ध्वजा पर चंद्रमा ओर ग्रहगण के चिन्ह थे । कोरव सेना के सेनापति भीष्मपितामह की ध्वजा पर ताड़ ओर पाँच ...