प्रवासियों, कोरोना लईने "पधारों पाछा देश"। आओ तों नेताओं पर, और नही आओ तों हम सब पर होगा बहुत बड़ा एहसान ।
"इन्दौर" तैयार है, आपकी मेजबानी के लिए बस आप तो कोरोना को साथ लेकर आ जाएं, कोई चेकिंग वेकिंग जांच वांच नहीं होगी आपकी, आखिर आपको बुलाया गया है, मेहमान होंगे आप, ....पलक पांवड़े बिछाए तैयार है हम, तैयार हैं इन्दौर।.... मेन-मेन सड़कें डामर के थेगले लगा दुरस्त कर दी है , गली मोहल्लों में आप जाओगे थोड़ी तों वे वैसे के वैसे ही पड़े हैं। लैफ्ट टर्न जो बर्षो से तोड़ फोड़ कर खुदे पड़े थे भर भराकर एकदम सई सपाट कर दिए हैं, फुटपाथ पर पेवर ब्लाक उखाड़ उखूड कर धो पोछ फिर चिपका दिए हैं कहीं कहीं नये भी लगाए हैं आपके लिए, कि कहीं ऐसा न हो कि आपकी बेशकीमती एसयूवी उन पर चढ़े तो कोई परेशानी आवे । वैसे आप फुटपाथ पर चढ़ोगे नही पता है फिर भी एहतियात, क्योंकि ये इन्दौर है ।.... आपके साथ साथ कइयों के सपनों का शहर।.... डिवाइडर ट्रैफिक रंग से चमक रहें तो कहीं दीवार ऊंची कर बड़े बड़े पौधे नये रौप दिए, रोड़ साईड की दीवारों पर खूबसूरत नक्काशीदार पेंटिंग में लोक कलाकृतियां, भित्ति चित्र, माडंने तो इतिहास पुरुष देखिएगा ....आपके लिए ही सजायी है ये सब, आपके लिए सजाया है, इस तरह इन्दौर,..... आप तो बस कोरोन...